प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया, “हिंदुस्तान के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ हमारे संबंध अच्छे हीं हैं। लोकतंत्र में हमारी दुश्मनी नहीं होती है।
नई दिल्ली। ANI को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया, “हिंदुस्तान के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ हमारे संबंध अच्छे हीं हैं। लोकतंत्र में हमारी दुश्मनी नहीं होती है। अब सवाल ये हैं कि मैं मेरे संबंधों को संभालू या ओडिशा के भाग्य की चिंता करूं। तब मैंने रास्ता चुना की मैं ओडिशा के उज्जवल भविष्य के लिए अपने आप को खपा दूंगा। उसके लिए मेरे संबंधों की अगर मुझे बलि चढ़ानी पड़ेगी तो मैं तैयार हूं…।
“बंगाल के चुनाव में ज्डब् अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में हम 3(विधायक) थे और बंगाल की जनता ने हमें 80(विधायक) पर पहुंचा दिया। हमें पिछले चुनाव में भारी बहुमत मिला था। इस बार पूरे हिंदुस्तान में बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट कोई होगा तो पश्चिम बंगाल होने वाला है। भाजपा को सर्वाधिक सफलता पश्चिम बंगाल में मिल रहा है। वहां का चुनाव एक तरफा है। जनता उसकी अगुवाई कर रही है। ज्डब् के लोग बौखलाए हुए हैं लगातार हत्याएं हो रही हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं को चुनाव के पहले जेलों में बंद किया जा रहा है।“
ओडिशा विधानसभा चुनाव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ’’25 साल से ओडिशा में प्रगति नहीं हो रही है। सबसे बड़ी चिंता इस बात की है कि कुछ ऐसे लोगों की टोली है जिसने पूरे ओडिशा की व्यवस्था पर कब्जा कर लिया है… ओडिशा अगर उन बंधनों से बाहर आएगा तो ओडिशा खिलेगा।“
ओडिशा के पास इतने प्राकृतिक संसाधन हैं, इतने समृद्ध राज्य में गरीब लोगों को देखकर दुख होता है। ओडिशा भारत के समृद्ध राज्यों में से एक है। बहुत अधिक प्राकृतिक संपदा है और ओडिशा भी भारत के गरीब लोगों के राज्यों में से एक है, इसलिए ओडिशा के लोगों को उनका अधिकार मिलना चाहिए इसके लिए सरकार जिम्मेदार है… ओडिशा का भाग बदलने वाला है… ओडिशा की वर्तमान सरकार की एक्सपायरी डेट 4 जून है…।
धारा 370 हटाने के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया, “धारा 370 सिर्फ 4-5 परिवारों का एजेंडा था, ये न तो कश्मीर के लोगों का एजेंडा था और न ही देश के लोगों का एजेंडा था। अपने फायदे के लिए उन्होंने 370 की ऐसी दीवार बनाई थी और कहते थे कि 370 हटाओगे तो आग लग जाएगी…आज ये सच हो गया है कि 370 हटने के बाद और एकता का एहसास हो रहा है। कश्मीर के लोगों में अपनेपन की भावना बढ़ रही है और इसलिए इसका सीधा परिणाम चुनाव, पर्यटन में भी दिख रहा है…।”
कश्मीर में रिकॉर्ड वोटिंग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया, “मैं चाहूंगा कि कश्मीर की जो स्थिति बदली है उसके संदर्भ में मैं सबसे पहले देश के न्यायतंत्र को प्रार्थना करना चाहता हूं। सरकार के काम करने की रणनीति होती है। उसके लिए कभी मुझे इंटरनेट बंद करना पड़ा, कोई NGO कोर्ट चला गया और कोर्ट में वे मुद्दा बन गया। भले मैंने कुछ समय के लिए इंटरनेट बंद किया था लेकिन आज वहां के बच्चे बहुत गर्व के साथ कहते हैं कि 5 साल से इंटरनेट बंद नहीं हुआ है। 5 साल से हमें सब सुविधाएं मिल रही हैं। कुछ दिन तकलीफ हुई लेकिन अच्छे काम के लिए हुई थी। जो ऐसे NGO हैं जिन्होंने अदालतों के भरोसे लड़ाई शुरू की है उनसे देश को बचाना बहुत जरूरी है।”
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आरोप ‘पीएम मोदी तय करते हैं कि कौन जेल जाएगा’ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “बेहतर होगा कि ये लोग संविधान पढ़ लें, देश के कानून पढ़ लें, मुझे किसी को कुछ कहने की जरूरत नहीं है।”
विपक्ष के इस आरोप पर कि पीएम मोदी आरक्षण खत्म कर देंगे, PM मोदी ने बताया, “उन्होंने ये पाप किया है। मैं उसके खिलाफ बोल रहा हूं और इसीलिए उन्हें झूठ बोलने के लिए ऐसी चीजों का सहारा लेना पड़ रहा है।
2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी OBC प्रमाणपत्रों को रद्द करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले पर पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया, “उनके पास एक कार्यप्रणाली है। सबसे पहले, उन्होंने आंध्र प्रदेश में कानून बनाकर इसे अल्पसंख्यकों को देने का पाप शुरू किया, वे हार गए। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया क्योंकि संविधान इसकी अनुमति नहीं देता है इसलिए उन्होंने चतुराई से पिछले दरवाजे से खेल शुरू किया और इन लोगों ने रातों-रात मुस्लिमों की सभी जातियों को ओबीसी बना दिया और ओबीसी से उनके अधिकार छीन लिए…जब हाई कोर्ट का फैसला आया तो साफ हो गया कि इतना बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है लेकिन उससे भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण ये है कि वोट बैंक की राजनीति के लिए अब वो न्यायपालिका का भी दुरुपयोग कर रहे हैं… ये स्थिति किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं हो सकती।”
“जहां तक मोदी का सवाल है, मैं तो पिछले 24 साल से गालियां खा-खा कर गाली प्रूफ बन गया हूं। ‘मौत का सौदागर’ और ‘गंदी नाली का कीड़ा’ किसने कहा था? संसद में हमारे एक साथी ने हिसाब लगाया था, 101 गालियां गिनाई थीं। तो चाहे चुनाव हो या न हो, ये लोग (विपक्ष) मानते हैं कि गालियां देने का हक उनका ही है और वे इतने हताश-निराश हो चुके हैं कि गालियां देना अपशब्द बोलना उनका स्वभाव बन गया है …”।
“मुझे मेरे SC,ST, OBC और अति पिछड़े भाई बहनों को सचेत करना है, क्योंकि इनको अंधेरे में रख कर के ये लोग लूट चला रहे हैं। चुनाव एक ऐसा समय है जो सबसे बड़ा संकट आ रहा है उससे देशवासियों को मुझे जागरूक करना चाहिए। इसलिए मैं आग्रह पूर्वक जनता जनार्दन को समझा रहा हूं। दो चीजें हो रही हैं- एक भारत के संविधान की मूल भावना का हनन हो रहा है। संविधान की मर्यादाओं का तार-तार कर दिया जा रहा है और वो भी अपनी वोट बैंक की राजनीति के लिए। मुझे याद है मैंने सदन में कभी कांग्रेस के नेताओं को सुना तो वे कहते थे कि PSU का आप नीजिकरण कर रहे हैं तो आप आरक्षण मिटा देना चाहते हैं। ये सच्चाई नहीं है। जो लोग अपने आप को दलितों के हितैशी कहते हैं, आदिवासियों के हितैशी कहते हैं वे हकीकत में उनके घोर दुश्मन हैं। इन्होंने रातों रात शैक्षणिक संस्थानों को अल्पसंख्यक संस्थान बना दिया और उसमें आरक्षण खत्म कर दिया… दिल्ली में जो जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय है उसमें सारे आरक्षण खत्म हो गए। बाद में उभर कर आया कि करीब-करीब 10 हजार ऐसे संस्थान हैं जिसको इस प्रकार से आरक्षण के SC,ST, OBC के अधिकार को पिछले दरवाजे से छीन लिया गया है।”
इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया, “आपने आखिरी दौर शब्द का इस्तेमाल किया, मुझे उसमें बहुत सी चीजें नजर आ रही है। एक तो यह कि हमारा नया युग शुरू होगा। दूसरा जो लोग बड़े सपने देख कर बड़े वादे कर रहे थे, यह उनके लिए भी आखिरी दौर है। चुनाव का आखिरी दौर है ऐसा नहीं है, यह उनकी स्थितियों का भी आखिरी दौर है।”
C@ANI