नीमच। श्रीमती सोनल चौरसिया, विषेष न्यायाधीष (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम), जिला-नीमच द्वारा आवेदक की कृषि भूमि की पावती बनाये जाने हेतु 5000रू. रिश्वत की मांग करने वाले तथा 3500रू रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकडे जाने वाले पटवारी प्रकाश पिता कन्हैयालाल जैन, उम्र-51 वर्ष, पटवारी हल्का नंबर 33, स्थाई निवासी-ग्राम थडौद, तहसील सिंगोली, जिला नीमच को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 एवं 13(1)(बी), 13(2) के अंतर्गत 04-04 वर्ष के सश्रम कारावास एवं कुल 10000रू अर्थदण्ड से दण्डित किया।
विवेक सोमानी, विशेष लोक अभियोजक द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 10.12.2019 को आवेदक राधेश्याम पाटीदार ने पुलिस अधीक्षक महोदय विपुस्था, लोकायुक्त कार्यालय, उज्जैन के समक्ष उपस्थित होकर एक शिकायती आवेदन पत्र दिया जिसके अनुसार उसके पिताजी के स्वर्गवास हो जाने से उसके, चार भाईयों व उसकी माताजी के बीच कृषि भूमि के पांच बराबर हिस्से हुए थें, जिसमें से एक हिस्सा उसको मिला हैं, जिसकी पावती बनाने हेतु वह हल्का नंबर-33, तहसील जावद के पटवारी प्रकाश जैन से कई बार मिला किंतू उसके द्वारा पावती बनाये जाने के लिए 5000रू की रिश्वत मांग की गई।
आवेदक द्वारा प्रस्तुत शिकायत आवेदन पत्र पर कार्यवाही किये जाने हेतु पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्त द्वारा राजेन्द्र वर्मा, निरीक्षक को कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया, जिस पर से उनके द्वारा कार्यवाही करते हुए डिजीटल वाईस रिकार्डर के माध्यम से आवेदक व आरोपी के मध्य रिश्वत लेनदेन की बातचीत को रिकार्ड किया गया, जहां पर आरोपी द्वारा 500रू रिश्वत लेते हुए शेष 4500रू लेकर 12.12.2019 को अपने ग्राम दडौली स्थित कार्यालय पर बुलाया। दिनांक 12.12.2019 को फरियादी 3500रू लेकर ट्रेप दल के साथ आरोपी के कार्यालय पर पहुंचा, जहां पर लोकायुक्त पुलिस द्वारा आरोपी को 3500रू की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। इसके पश्चात मौके की समस्त कार्यवाही कर वापस लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन आकर शेष आवश्यक अनुसंधान उपरांत अभियेग पत्र विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988) नीमच में प्रस्तुत किया गया।
विवेक सोमानी, विशेष लोक अभियेजक द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष विचारण के दौरान आवेदक, ट्रेपदल के सदस्य, पंचसाक्षी व विवेचक सहीत सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान कराते हुए अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराकर आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किए जाने का निवेदन किया गया। जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया।