इंदौर। देवास के खनिज अधिकारी एमएस खतेड़िया के ठिकानों पर लोकायुक्त पुलिस ने छापामार कार्रवाई की। उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत प्राप्त हुई थी। प्रारंभिक पुष्टि के बाद छापामार कार्यवाही की गई। लोकायुक्त पुलिस ने दावा किया है कि उन्हें आए से 6 गुना अधिक संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। खनिज अधिकारी स्वयं एक फैक्ट्री के मालिक पाए गए हैं। उनके बेटे का नाम सरकारी ठेकेदारों की सूची में दर्द है। लोकायुक्त को शक है कि ठेकेदारी का काम भी खनिज अधिकारी ही करते थे। लोकायुक्त पुलिस ने इंदौर में दो स्थानों पर, पीतमपुर में एक और उज्जैन में ही स्थान पर सर्चिंग की कार्रवाई की है। डीएसपी लोकायुक्त, इंदौर आनंद कुमार यादव ने बताया कि डॉ. मोहन सिंह खतेड़िया के यहां से काफी दस्तावेज मिले हैं। वर्तमान में इनका वेतन करीब डेढ़ लाख रुपए है। ये इंदौर के अलावा धार, देवास में पदस्थ रहे हैं। इनकी संपत्तियां उज्जैन, इंदौर, धार जिले में हैं। उज्जैन में मकान, पीथमपुर के ग्राम खंडवा के खेड़ा में त्डब् प्लांट है। यह बेटे के नाम पर है। इंदौर का तुलसी नगर स्थित मकान भाई के नाम पर है। पिछले पांच महीने से देवास में पदस्थ हैं। इसके पहले वे धार में पदस्थ थे। विभागीय सूत्रों के अनुसार जिला खनिज अधिकारी रहते हुए खतेड़िया ने अपने बेटे नयन को सरकारी ठेकेदार बनाया। जिस जिले में खतेड़िया पदस्थ रहते थे, उस क्षेत्र के सरकारी काम अपने बेटे को दिला दिया करते थे। इसके अलावा खदान वालों से औने-पौने दाम पर गिट्टी और रेत के ट्रक सस्ते दाम पर दिलाने का दबाव भी बनाते थे। पहले बेटे नयन द्वारा इंदौर के पास ग्राम सनावदिया में आरएमसी प्लांट डाला गया था, लेकिन जब पिता को धार में पदस्थापना मिली तो बेटे ने जुगाड़ लगाकर प्लांट भी पीथमपुर में स्थानांतरित कर लिया था।