नीमच। मध्यप्रदेश, सुशांत हुद्दार, सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश, (पॉक्सों एक्ट), जिला नीमच द्वारा 15 वर्षीय नाबालिक पीडिता का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार करने वाले आरोपी राजू पिता मोहन भील, उम्र-20 वर्ष, निवासी-ग्राम पाणदा, थाना पाटन, जिला बांसवाड़ा (राजस्थान) को धारा 363 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500रू अर्थदण्ड, धारा 366 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000रू अर्थदण्ड, धारा 376(3) भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000रू अर्थदण्ड एवं धारा 5(एल)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के अंतर्गत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000रू अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले विशेष लोक अभियोजक जगदीश चौहान द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 28.04.2021 को पुलिस थाना नीमच सिटी क्षेत्र में रहने वाली पीडिता की माता ने थाने पर उपस्थित होकर रिपोर्ट लिखाई की दिनांक 21.04.2021 को उसकी 15 वर्षीय पुत्री पीडिता रात्रि के लगभग 8ः30 बजे घर से यह कहकर निकली की वह जरूरी काम से जा रही हैं, किंतू वह रात्रि के 10 बजे तक भी वह वापिस नहीं आई तो वह फिर उसके परिवार के सदस्यों ने उसको घर के आस-पास व रिश्तेदारों में तलाश की किंतु उसका कुछ पता नहीं चला फिर शंका के आधार पर आरोपी के विरूद्ध रिपोर्ट लेख कराई, जिस पर से अपराध क्रमांक 215/2021 की प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई। दिनांक 05.05.2021 को पीडिता पुलिस थाना नीमच सिटी में उपस्थित हुई जहां पर उसने बताया की आरोपी ने उसके साथ शादी करने का झांसा देकर बहला-फुसलाकर अपहरण करके ग्राम डोरीया, निम्बाहेड़ा (राजस्थान) ले गया था। जहां आरोपी ने उसे खुले मैदान में रखा तथा उसके साथ कई बार बलात्कार किया। इसके पश्चात् किसी का फोन आ जाने से आरोपी उसे लेकर नीमच आया था, जिसके बाद वह पुलिस थाना नीमच सिटी में उपस्थित हो गई थी। विवेचना के दौरान आरोपी को गिरफ्तार कर एवं पीडिता का मेडिकल कराकर उम्र के संबंध में आवश्यक साक्ष्य एकत्रिक करते हुए आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र विशेष न्यायालय (पॉक्सों एक्ट), नीमच में प्रस्तुत किया गया।
अभियोजन द्वारा विशेष न्यायालय (पॉक्सों एक्ट) नीमच के समक्ष विचारण के दौरान पीड़िता सहित सभी महत्वपूर्ण साक्षीगण के बयान कराकर आरोपी के विरूद्ध अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराकर घटना की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिससे सहमत होकर विशेष न्यायालय (पॉक्सों एक्ट) नीमच द्वारा आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया।