झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा खुलेआम ईलाज किए जाने की दर्जनों शिकायतें हैं। जिला चिकित्सा विभाग के आला अधिकारियों द्वारा कभी कार्रवाई नहीं की जाती है। कई बार तो झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मरीज की जान को दांव पर लगाकर यह गोरख धंधा निरंतर जारी है। मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग भोपाल के पत्र क्रमांक 12274 / माअआ/3393 /मंदसौर /2023 /3006 दिनांक 25/ 05/2023 के संदर्भ में मध्य प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक 1010/2017/17 /मेडि-2/दिनांक 14/ 11/ 2017 के परिपालन में………
मध्यप्रदेश शासन भोपाल मानव अधिकार आयोग द्वारा जारी पत्र के बाद जिला प्रशासन इस बार झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही करेंगा ऐसा प्रतित हो रहा है। सोमवार को टीएल की बैठक मे जिम्मेदार जिला अधिकारीयों को इस मामले मे कलेक्टर ने कार्यवाही के सख्त निर्देश दिए गये।
झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही करें- कलेक्टर
मंदसौर। कलेक्टर दिलीप कुमार यादव की अध्यक्षता में साप्ताहिक अंतर विभागीय समीक्षा बैठक सुशासन भवन स्थित सभागृह में आयोजित की गई। बैठक के दौरान कलेक्टर ने पीएचई विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि जितने भी सरकारी बिना मुंडेर के कुएं हैं, उन्हें तुरंत बंद करें। अगर कहीं पर खुले हुए दिखे। तो ऐसी स्थिति में सीधी कार्यवाही होगी। सभी ग्राम पंचायतों में खेल मैदान सर्वे कार्य जल्द पूर्ण करें। इसके लिए सभी सीईओ, तहसीलदार मिलकर आगामी कार्यवाही करें। सभी एसडीएम इसको गंभीरता से लें। जिन गांवों में अप्रोच रोड नहीं है। वहां पर तुरंत यह रोड बनाने का कार्य प्रारंभ करें। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए की प्राइवेट एंबुलेंस अगर शासकीय नियम के अधीन संचालित नहीं होती हैं, तो उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही करें। इसके साथ ही झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही करें। एफआईआर दर्ज कराएं। इस कार्य में एसडीएम, तहसीलदार भी कार्यवाही करें। मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण मिले। इसके लिए युवाओं को चिन्हित करें तथा उन्हें योजनाओं का लाभ प्रदान करें। युवाओं की सेक्टर वाइज सूची तैयार करें। परिवहन अधिकारी स्कूलों में संचालित बसों की जांच करें। जांच करने के दौरान यह देखें कि क्या वे सारे नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं। इस संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उस कार्य के पश्चात जिले में जितने भी परिवहन के लिए बसें चल रही उनकी जांच करें। जिला आपूर्ति विभाग इस बात का ध्यान रखें कि समय पर राशन वितरण हो और सभी दुकानें समय-समय पर खुले। बैठक के दौरान सीईओ जिला पंचायत कुमार सत्यम, अपर कलेक्टर आरपी वर्मा सहित सभी जिलाधिकारी मौजूद थे।
बिना लाइसेंस के दवाओं का भंडारण भी करते हैं झोलाछाप डॉक्टर
सुत्रों की माने तो जिला प्रशासन को मिल रही शिकायतो मे झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा बिना पंजीयन के एलोपैथी चिकित्सा व्यवसाय ही नहीं किया जा रहा है बल्कि बिना ड्रग लाइसेंस के दवाओं का भंडारण व विक्रय भी अवैध रूप से किया जा रहा है। क्लीनिकों दुकानों के भीतर कार्टून में दवाओं का अवैध तरीके से भंडारण रहता है। जिला में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई सालों से अवैध रूप से चिकित्सा व्यवसाय कर रहे लोगों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। इन दिनों मौसमी बीमारियों का कहर है। झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें मरीजों से भरी पड़ी हैं। गर्मी व तपन बढ़ने के कारण इन दिनो उल्टी, दस्त, बुखार जैसी बीमारियां ज्यादा पनप रही हैं। झोलाछाप इन मर्जों का इलाज ग्लूकोज की बोतलें लगाने से शुरू करते हैं। एक बोतल चढ़ाने के लिए इनकी फीस 100 से 200 रुपए तक होती है। प्रशासन इस बार झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही करेंगा ऐसा प्रतित हो रहा है।