हमारा स्वास्थ्य और हम@विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष
(स्वस्थ रहने के अद्भुत विकल्प)
- सबसे अहम प्रश्न –मेरे स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार कौन ? — इसका केवल एक उत्तर है – मेरे स्वास्थ्य की ज़िम्मेदारी मेरे स्वयं की है – जैसे ही हम इस ज़िम्मेदारी को लेते है और समझते हैं उसी क्षण से हम स्वस्थ जीवन जीने की दिशा की ओर अग्रसर होने लगते हैं
- क्या हम अपने स्वास्थ्य के विषय में सही जानकारी रखते हैं ?
हम में से अधिकतर व्यक्ति यही सोचते हैं कि यदि हमें कोई शारीरिक बीमारी नहीं है तो हम स्वस्थ हैं | यह एक बहुत बड़ी गलतफहमी है |
3.एक यक्ष प्रश्न है कि क्या हम समग्र रूप से स्वस्थ हैं ? – समग्र स्वास्थ्य के अंतर्गत- शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य , आत्मिक / आध्यात्मिक स्वास्थ्य , सामाजिक स्वास्थ्य , आर्थिक स्वास्थ्य का संतुलन आधार होता है | यदि यह संतुलन नहीं है तो इस असंतुलन का प्रभाव मुख्य रूप से हमारे शारीरिक अथवा मानसिक स्वास्थ्य में परिलिक्षित होता है और परिणाम स्वरूप हमें शारीरिक अथवा मानसिक बीमारियाँ ग्रसित करती हैं |
- एक और बिन्दु है स्वास्थ्य का और अस्पताल का रिश्ता– एक और बहुत गलत धारणा है कि हमारे अस्पताल हमारे स्वास्थ्य प्रदाता हैं , हमारे लिए यह जानना आवश्यक है कि अस्पताल बीमारियों को ठीक करने का इंस्टीट्यूट है , अस्पताल में बीमार व्यक्ति अपनी बीमारी का हल ढूँढने तथा उस बीमारी से ठीक होने के लिए जाता है। अर्ताथ स्वस्थ व्यक्ति को जब बीमारी घेर लेती है तभी उसे अस्पताल जाने की आवश्यकता होती है-अन्यथा नही|
यदि हम अपने अस्पतालों को स्वास्थ्य प्रदाता की श्रेणी में डालना चाहते हें तो हमें अपने अस्पतालों का प्रारूप बदलना होगा , हमें इसमें वो सभी प्रकार की सलाह देने की सुविधाएं देनी होंगी जो एक व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक होती हैं ,अर्थात उस प्रकार की सलाह देने का इनफ्रास्ट्रक्चर प्रत्येक अस्पताल में रहे कि समग्र स्वास्थ्य के अंतर्गत आने वाले स्वास्थ्य के विभिन्न आयामों में संतुलन बनाने के लिए प्रत्येक आयु वर्ग के व्यक्ति को उपयुक्त सलाह प्रदान की जा सके |
- चिकित्सा प्रणाली – आज के संदर्भ में सबसे पोपुलर चिकित्सा प्रणाली एलोपथिक चिकित्सा प्रणाली है , इस चिकित्सा प्रणाली में जिन दवाइयों का प्रयोग किया जाता है उन सभी दवाइयों के कमोबेश साइड इफ़ेक्ट्स होते हैं जो हमारे शरीर को नुकसान पहुचाते हैं , उनसे बचने का कोई उपाय उपलब्ध नही है , ऐसे में यदि मरीज चाहता है तो अन्य चिकित्सा प्रणालियों की मदद ले सकता है। इसके लिए अन्य चिकित्सा प्रणालियों के विशेषज्ञों की सेवाएँ भी इनही अस्पतालों में उपब्ध रहना आवश्यक है |
- स्वस्थ रहने के अद्भुत विकल्प – यदि हम वास्तव में स्वस्थ रहना चाहते हैं तो ईश्वर ने प्रकृति द्वारा कुछ अद्भुत विकल्प हमें दे रखे हैं जिनको अपना कर हम एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं –इन विकल्पों का मुख्य आधार हमारी आत्मिक ऊर्जा से जुड़ा हुआ है जो परमात्मा द्वारा बनाए हुए इस शरीर में अंतर्निहित है लेकिन हमें उस का ज्ञान नही है | इस आत्मिक ऊर्जा को हम विशिष्ट प्राणायाम क्रियाओं तथा ध्यान द्वारा अपने शरीर के विभिन्न भागों में संचारित कर सकते हैं तथा इस ऊर्जा से शरीर , मन तथा आत्मा का संतुलन बना कर रख सकते हैं। एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए हमारी आत्मिक ऊर्जा द्वारा बनाए गए इस संतुलन की आवश्यकता है, जिसे हम बिना पैसे खर्च किए प्रकृति से ले सकते हैं |
…त्रासदी यह है कि हम प्रकृति तथा परमात्मा द्वारा प्रदत्त इन अद्भुत विकल्पों की अहमियत को न तो समझते हैं और न समझना चाहते हैं , हम एलोपथिक चिकित्सा की गोलियों (पिल कल्चर ) के जंजाल में इस कदर फंस गए हैं कि हम इन विकल्पों के बारे में सोचना भी नही चाहते और अंततोगत्वा एक अस्वस्थ अथवा बीमारू जीवन जीने को विवश रहते हैं…
@ डॉ मालती गुप्ता-
भूतपूर्व आचार्य एवं विभागाध्यक्ष, प्लास्टिक सर्जरी ,सवाई मानसिंह चिकित्सालय , जयपुर
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