मंदसौर। अफीम खेतों से निकलकर किसानों के घरों से नारकोटिक्स विभाग के अफीम तौल सेंटर तक पहूॅचने लगी है। विभाग ने शनिवार से तौल प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिले अफीम उत्पादन के लिए केंद्र सरकार ने लांसिंग – 13209 और सीपीएस पद्धति – 6142 से कुल 19351 लाइसेंस जारी किए है। दोनों पद्धति के जिले में 553 गांवों में 19 हजार 351 अफीम उत्पादक किसानों को लाइसेंस जारी किए है। केंद्र सरकार ने किसानों की 10-10 आरी के लाइसेंस जारी किए है। पहले फेज में लांसिंग पद्धति वाले पट्टाधारी किसानों के अफीम का तौल किया जाएगा। इसके बाद सीपीएस पद्धति पट्टाधारी किसानों के डोडा का तौल शुरू होगा।
पहले नियमित फिर सीपीएस का तौल होगा
वर्तमान में जिले के तीनों ही खंडों पर विभाग के शेड्युल के अनुसार नियमित अफीम वाले पट्टों के लाइसेंस धारी किसानों का अफीम तौल किया जाएगा। इस बार सभी किसानों को 10 ऑरी के पट्टें मिले थे। ऐसे में पहले नियमित पट्टेधारियों के अफीम का तौल होगा। इसके बाद सीपीएस के पट्टेधारी किसानों का तौल किया जाएगा, जो अप्रैल माह के दूसरे पखवाड़े में शुरु होगा।
जिले मे कुल 19351 अफीम पट्टे
मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में नारकोटिक्स विभाग से तीन खंड है। अफीम खंड -1, गांव-155, नियमित लाइसेंस- 4595, सीपीएस लाइसेंस- 2123 है। अफीम खंड – 2, गांव-138, नियमित लाइसेंस- 4764, सीपीएस लाइसेंस- 2094 है। अफीम खंड – 3, गांव- 260, नियमित लाइसेंस- 3850, सीपीएस लाइसेंस- 1925 है। मालवी भाषा मे किसान अपनी बोलचाल की भाषा मे अफीम लाइसेंस को पट्टा शब्द से संबोधित करते है। केन्द्र सरकार ने जिले मे कुल 19351 अफीम पट्टे इस वर्ष जारी किये। जिला मे प्रथम और तृतीय खंड में शनिवार से तौल शुरू हुआ वही दूसरे खंड का तौल स्थान की कमी के चलते शुरू नहीं हो पाया। पहले दिन प्रथम खंड के 10 गांवों के 224 किसानो ने करीब 1 हजार 350 किलो अफीम जमा कराई। वही तीसरे खंड में 17 गांवों के 309 किसानों ने 2 हजार 232 किलो अफीम जमा कराई। कल भी पहले खंड के 15 गांवों के 500 किसान और तीसरे खंड के 23 गांवों के 508 किसान अफीम तौल करवाने पहुंचे है। अधिक जानकारी के लिए जिला अफीम अधिकारी अधिकृत है।