मतदान प्रतिशत आंकड़ा 50 प्रतिशत से भी कम क्यो रहा, क्या देश के वोटर अपने संवैधानिक दायित्वो के प्रति अभी भी सोये हूए है.?
भोपाल। रीवा मे 48.98 प्रतिशत मतदान हुआ। मध्यप्रदेश के रीवा लोकसभा सीट पर हूए मतदान को लेकर स्पष्ठ होता है की आधुनिक जामने की बात करने वाले हम भारतीय आज भी मतदाता जागरूकता अभियान को मजाक समझते है। या जिम्मेदारों ने पब्लिक को मतदाता जागरूकता अभियान मे षामिल ही नही किया गया। अधिकारी कर्मचारी या पब्लिक मे यह चर्चा है की आखिर मतदान प्रतिशत आंकड़ा 50 प्रतिशत से भी कम क्यो रहा, क्या देश के वोटर अपने संवैधानिक दायित्वो के प्रति अभी भी सोये हूए है.?
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में छह संसदीय क्षेत्रों में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न हो गया। इस चरण में 58 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। राज्य में दूसरे चरण का मतदान शुरू होने से पहले कई केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें नजर आने लगी थी। सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ और मतदान खत्म होने तक 57.55 प्रतिशत मतदाता मतदान कर चुके थे। दूरस्थ इलाकों के आंकड़े आने पर मतदान के प्रतिशत में कुछ बदलाव हो सकता है।
राज्य में जिन छह संसदीय क्षेत्रों में मतदान हुआ, उनकी मतदान की स्थिति पर गौर करें तो पता चलता है कि दूसरे चरण में जिन संसदीय क्षेत्र में मतदान हुआ है, उनमें सबसे अधिक मतदान होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र में 64.76 प्रतिशत रहा।
सबसे कम 48.98 प्रतिशत मतदान रीवा में हुआ। इसके अलावा खजुराहो में 56.09, टीकमगढ़ में 58.59, दमोह में 55.45, सतना में 60.11 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का उपयोग किया।
रीवा लोकसभा सीट हो या देश की अन्य लोकसभा सीट हो मतदान प्रतिशत का आंकड़ा कम होना चिंतनीय है। मतदान प्रतिशत आंकड़ा 50 प्रतिशत से भी कम क्यो रहा, क्या देश के वोटर अपने संवैधानिक दायित्वो के प्रति अभी भी सोये हूए है.?