नीमच। मध्यप्रदेश,नीमच मे डॉ. श्रीमती रेखा मरकाम, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, नीमच ने दोपहर के समय घर में घुसकर पीडिता की बुरी नियत से कमर पकडकर नीचे गिराने वाले आरोपी कन्हैयालाल पिता गुलाबचंद्र बावरी, उम्र-38 वर्ष, निवासी-ग्राम सरवानिया बोर, तहसील व जिला नीमच को धारा 354 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5000रू अर्थदण्ड तथा धारा 452 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 02 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5000रू अर्थदण्ड से दण्डित किया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री पारस मित्तल द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना थाना नीमच सिटी क्षेत्र की होकर दिनांक 25.05.2014 को दोपहर 12 बजे करीब की हैं। पीडिता ने आरक्षी केन्द्र नीमच सिटी पर अपने पति के साथ उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि जब पीडिता घर पर अकेली थी एवं पोछा लगा रही थी। पीडिता के सास-ससुर रिश्तेदारी में कार्यक्रम होने से बाहर गये थे और पीडिता का पति मजदूरी करने बाहर गया था तभी आरोपी कन्हैयालाल पिता गुलाबचंद्र बावरी पीडिता के घर में अचानक घुस आया और कमरे में आकर पीडिता को कमर से पकड लिया जब पीडिता ने हाथ से छुडाने का प्रयास किया तो आरोपी ने पीडिता को नीचे जमीन पर पटक दिया। पीडिता जब चिल्लाई तो पडोस में रहने वाली उसकी जेठानी दौडकर आई तब आरोपी उसे देखकर भाग गया, यदि पीडिता की जेठानी नहीं आती तो आरोपी आवश्यक ही पीडिता के साथ गलत हरकत कर देता, पीडिता के पति के बाहर से आने के पश्चात् पीडिता ने अपने पति को सारी घटना बताई और पति को साथ लेकर पुलिस में अपराध पंजीबद्ध कराया। पुलिस नीमच सिटी द्वारा विवेचना उपरांत अभियोग नीमच न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
अभियोजन द्वारा न्यायालय के समक्ष विचारण के दौरान पीड़िता सहित सभी महत्वपूर्ण साक्षीगण के बयान कराकर आरोपी के विरूद्ध अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराकर घटना की गंभीरता को देखते हुए उसको कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिससे सहमत होकर न्यायालय द्वारा आरोपी को पीडिता के घर में अवैध रूप से प्रवेश कर आपराधिक गृहअतिचार करने के आरोप में आरोपी को भादवि की धारा 452 के अपराध में 2 वर्ष के कठोर कारावास एवं 5000रू अर्थदण्ड से और बुरी नियत से पीडिता की कमर पकडकर उसे नीचे गिराने के आरोप में भादवि की धारा 354 के अपराध में 03 वर्ष के कठोर कारावास एवं 5000रू अर्थदण्ड से दण्डित किये जाने का दण्डादेश दिया और अर्थदण्ड की कुल राशि 10000-/ में से रूपये 9000-/ प्रतिकर के रूप में पीडिता को प्रदान किये जाने का आदेश दिया।