झाबुआ में डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस द्वारा 168 करोड़ की एमडी ड्रग्स की जब्ती, कांग्रेस अध्यक्ष जितु पटवारी ने कहा- उड़ता पंजाब पीछे रह गया और उड़ता मध्य प्रदेश आगे आ गया
भोपाल। प्रदेश अध्यक्ष जीतु पटवारी ने एक्स पर ट्वीट के माध्यम से कहा की मध्य प्रदेश को ‘उड़ता प्रदेश’ बनाने में भाजपा सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही। झाबुआ में डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस द्वारा 168 करोड़ की एमडी ड्रग्स की जब्ती यह साफ़ दिखाती है कि प्रदेश की सरकार को ड्रग्स कारोबार की भनक तक नहीं रहती, जबकि बाहरी एजेंसियाँ लगातार प्रदेश में चल रहे ड्रग्स माफिया पर कार्रवाई कर रही हैं।
उन्होने कहा ककी मध्य प्रदेश सरकार पूरी तरह ड्रग्स माफिया के सामने नतमस्तक हो चुकी है। प्रदेश का युवा नशे की आग में जल रहा है और यह सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।
भोपाल में 18,000 करोड़ की ड्रग्स जब्ती के बाद भी सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। क्या यह केवल प्रशासनिक विफलता है या सरकार की मिलीभगत? मुख्यमंत्री जी, आपकी सरकार क्यों प्रदेश के युवाओं का भविष्य अंधकार में डालने के लिए आमादा है?
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बतांदें, गतदिवस अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी अनुमानित कीमत करीब 1814.18 करोड़ रुपए है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने एटीएस गुजरात के साथ मिलकर शनिवार को भोपाल की एक फैक्ट्री में रेड की। शनिवार को की गई थी रेड, ड्रग्स बनाने की सामग्री जब्त छापामार कार्रवाई 5 अक्टूबर को की गई थी।
वहीं दुसरी और कल इंदौर नारकोटिक्स विंग ने झाबुआ में ड्रग्स फैक्ट्री पर मारा छापा, 112 किलोग्राम मेफेड्रोन जब्त, चार गिरफ्तार
झाबुआ। मेघनगर में शनिवार सुबह, इंदौर नारकोटिक्स विंग ने झाबुआ जिले के मेघनगर स्थित मेघनगर फार्मा प्राइवेट लिमिटेड पर बड़ी कार्रवाई करते हुए छापा मारा। नारकोटिक्स निदेशक के निर्देशन में, करीब 20 अधिकारियों की एक टीम ने फैक्ट्री पर छापा मारा। फैक्ट्री पर सिंथेटिक ड्रग्स के उत्पादन का संदेह था। टीम ने फैक्ट्री मालिक और अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की और मौके से कई रसायन जब्त किए।
झाबुआ जिले के मेघनगर में डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) फैक्ट्री में छापेमारी कर 112 किलोग्राम मेफेड्रोन (एक मनोविकारी पदार्थ) जब्त किया, जिसकी कीमत करीब 168 करोड़ रुपये है। इस मामले में कंपनी के निदेशक सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
नारकोटिक्स विंग को झाबुआ जिले में एक बड़े ड्रग नेटवर्क के संचालित होने का संदेह है। इसीलिए भोपाल में बड़े पैमाने पर ड्रग बस्ट के बाद यह कार्रवाई की गई है। इस मामले में जांच जारी है। नारकोटिक्स विभाग द्वारा इस जांच अभियान के बारे में स्थानीय पुलिस को भी सूचना नहीं दी।