पैसा वसुलने के आरोप -राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति विकास परिषद् नई दिल्ली, आरएसएस की तहर पुरे देश मे कार्यरत है संस्था
पैसा वसुलने के आरोप -राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति विकास परिषद् नई दिल्ली, आरएसएस की तहर पुरे देश मे कार्यरत है संस्था
भोपाल। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति विकास परिषद् नई दिल्ली नामक संस्था पर सोशल मीडिया पर पैसा वसुलने जैसे आरोप लग रहे। उक्त संस्था अपने आप को एसी एसटी कमीशन ऑफ भारत सरकार से संबंध बताती है, जबकी राष्ट्रीय अध्यक्ष के अनुसार उक्त संस्था किसी भी अधिनियम मे पंजीक्रत नही होकर आरएसएस की तरह की पुरे देश मे कार्यरत बताई जा रही है। सुत्रों की माने तो उक्त संस्था के रा.अध्यक्ष पुर्व मुख्यमंत्री के कार्यकाल मे, मध्यप्रदेश शासन के विशेष आदेश से “राज्य अतिथि“ के रूप में मंदसौर सहित प्रदेश के कई जिलों मे फॉलोअप जैसी सुविधा ले चुके है। संस्था के लिगल अनलिगल कार्यो को लेकर कई तरह के सवाल उठते जा रहे।
हरदा जिला के हरीश भाई ने अपने एफबी पर एक पोस्ट फरवर्ड की कई जो किसी धमेर्न्द शिंदें की है। मोबा- 9926383718 पर जब धमेन्द्र शिदें से हुई चर्चा मे उन्होने उक्त संस्था पर कई तरह के आरोप और संदेह का दावा किया है। और संदेही संस्था पर पैसा वसुलने के चलते अपने पद से स्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष को भजने की जानकारी शेयर की।
प्रविण मांगरीया से हुई सेलफोल पर चर्चा मे उन्होन को बताया की राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति विकास परिषद् पूर्व राष्ट्रपति श्री के आर नारायणन जी द्वारा 1977 में स्थापित राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति विकास परिषद् निरंतर पवित्र अंबेडकर विचारधारा का प्रसारक संगठन है।
सुनिये जी, आरएसएस की तहर हमारी संस्था भी पुरे देश मे कार्यरत है।
संस्था चलाने के लिए पैसों की जरूरत होती है, जिलाध्यक्ष से 2100/- रू. और प्रदेश पदाधिकारयों से 5100/- रूपये लेते है।