दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने जल विभाग के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा भेजे गए आदेश को पढ़ा
नई दिल्ली। दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और जल विभाग के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा भेजे गए आदेश को पढ़ा।
दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा, “अरविंद केजरीवाल के लिए दिल्ली वाले सिर्फ उनके मतदाता नहीं है, वे दिल्ली वालों को अपने परिवार की तरह मानते हैं… यही कारण है कि आज इतनी मुश्किल परिस्थिति में होते हुए भी वे अपने परिवार यानी कि दिल्ली वालों के बारे में सोच रहे हैं…।
बतांदें की दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज ईडी के कटगरे मे है।
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ईडी की गिरफ्त में रहते हुए सीएम केजरीवाल ने शुरु किया दफ्तर, जारी किया पहला आदेश
दिल्ली के कथित शराब घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस वक्त ईडी की गिरफ्त में हैं। गिरफ्तारी से पहले केजरीवाल ने ऐलान किया था कि जेल में रहकर सरकार चलाएंगे। सीएम ने इसकी शुरुआत जल विभाग का एक आदेश जारी करके कर दी है। यह पहला मौका है जब पद पर रहते हुए किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया है। आम आदमी पार्टी और खुद अरविंद केजरीवाल इस बात की घोषणा कर चुके हैं कि वह गिरफ्तारी के बावजूद मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा नहीं देंगे। केजरीवाल जेल में रहकर ही सरकार चलाना चाहते हैं। इधर आम आदमी पार्टी का कहना है कि जेल से सरकार चलाने के लिए कोर्ट का सहारा लिया जा सकता है। कोर्ट यदि आदेश देता है तो सीएम को किसी ऐसी इमारत में रखा जा सकता है जिसे जेल घोषित कर दिया जाए और वह वहां से मुख्यमंत्री का अपना दफ्तर भी चलाते रहें। कुछ महीनों पहले आम आदमी पार्टी ने इसको लेकर एक सर्वे भी कराया था और दिल्ली की जनता से पूछा था कि यदि केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया जाता है तो उन्हें इस्तीफा देना चाहिए या फिर जेल से सरकार चलानी चाहिए। आम आदमी पीर्टी का दावा था कि अधिकतर लोगों ने जवाब दिया कि केजरीवाल को पद से इस्तीफा नहीं देना चाहिए। यदि संविधान के जानकारों की माने तो इसमें कई पेंच हैं। उन्हे जेल से सरकार चलाना व्यावारिक नहीं लगता है। वजह ये है कि जेल में हर एक कैदी को जेल के मैन्यूअल का पालन करना होता है। यदि इसमें कुछ बदलाव करना है तो न्यायालय की अनुमति लेना अनिवार्य है। जबकि मुख्यमंत्री को हर रोज तमाम लोगों से मुलाकात करना होती है,कैबिनेट बैठक भी करना होती है साथ ही कई फाइलों को देखना और उन पर हस्ताक्षर करना होते हैं। इसलिए जेल से सरकार चलाना आसान नहीं है।