मामा जी के घर घुमाने का कहकर अपनी दीदी के गांव ले गया और वहां 5-6 दिन तक उसे बंधक बनाकर दुष्कर्म किया, आरोपी को पॉक्सो कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई
भोपाल। राजधानी की जिला अदालत में विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) रश्मि मिश्रा की कोर्ट ने नाबालिग किशोरी का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को सुनवाई पूरी होने के बाद दोषी करार देते हुए 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सहित 11 हजार रूपए के जुर्माना से दण्डित किये जाने का फैसला सुनाया है।
लोक अभियोजक से मिली जानकारी के अनुसार, पीड़िता के पिता ने 17 अक्टूबर 2018 को गुनगा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था, की वह मेहनतृमजदूरी करता है, उसकी नाबालिब बेटी करोंद में रहने वाली मौसी के घर मेहमान गई थी, उसने कहा था, की वह तीन दिन बाद वापस आ जायेगी। तीन तीसरे दिन शाम करीब 8 बजे उनके साडू भाई ने फोन कर बताया की दोपहर 3 बजे उनकी बेटी उनके घर से निकल गई थी, लेकिन बेटी पिता के घर नहीं पहुंची थी। काफी खोजबीन के बाद भी तब वह नहीं मिली। तब पिता ने आशंका जताई कि उनकी नाबालिग लड़की को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला फुसलाकर ले गया है।
पुलिस ने मामला दर्ज कर पीड़िता को दस्याब करते हुए उसके बयान दर्ज किए। अपने बयानो ने किशोरी ने बताया की घर आने के लिए करोंद चौराहे पर खडी थी, उसी समय परिचित आरोपी सीताराम का फोन आया उसने कहा कि वह वहीं रूके वो वहां आ रहा है। बाद में आरोपी सीताराम उसके पास आया और अपने मामा जी के घर घुमाने का कहकर अपनी दीदी के गांव ले गया और वहां 5-6 दिन तक उसे बंधक बनाकर रखते हुए कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया। उसके बाद आरोपी सीताराम उसे लेकर अपने मामा के लडके के घर भोपाल आ गया और वहां भी 5-6 दिन रखकर लगातार उसके साथ गलत काम करता रहा। आरोपी उसे कहीं आने जाने भी नहीं देता था। 1 नंवबर को सीताराम अपना फोन घर पर भूल गया था, तब मौका पाकर किशोरी ने अपने पापा को फोन कर सारी बात बता दी। इसके बाद पिता के कहने पर किशोरी शॉपिंग के बहाने आरोपी के साथ करोंद चौराहे पर आ गई जहां उसके माता-पिता भी आ गये और उसे अपने साथ लेकर थाने जा पहुंचे। पुलिस ने जॉच के बाद अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया।
अदालत ने अभियोजन द्वारा पेश किये गए साक्ष्य, तर्को एवं दस्तावेजों एवं वैज्ञानिक साक्ष्य से सहमत होते हुऐ आरोपी सीमाराम को धारा 376(3) भादवि में दोषी करार देते हुए 20 साल का सश्रम कारावास सहित 5 हजाश्र रूपये का अर्थदण्ड एवं 5/6 पॉक्सो एक्ट मे 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रुपये का अर्थदण्ड एवं धारा 366-ए भादवि मे 5 वर्ष का सश्रम कारावास व 1 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किये जाने का फैसला दिया है। मामले में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक दिव्या शुक्ला एवं ज्योति कुजूर द्वारा पैरवी की गई है।