भोपाल । एक महिला अधिकारी ने रिश्वत की रकम के कलेक्शन के लिए एक आउटसोर्स कर्मचारी को नियुक्त कर दिया था। आज जब लोकायुक्त पुलिस की टीम ने महिला अधिकारी को रंगे हाथों गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया, खुलासा हुआ कि रिश्वत की रकम लेने, महिला अधिकारी की जगह आउटसोर्स कर्मचारी आता है। पुलिस में दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में लोकायुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने मत्स्य महासंघ के एक आउटसोर्स कर्मचारी मुबारिक गौरी को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।यह राशि कथित तौर पर जिलाधिकारी सुरेखा सराफ के लिए ली जा रही थी। यह कार्रवाई इंदौर के मछली ठेकेदार अनवर कादरी की शिकायत पर हुई।
जानकारी के मुताबिक, इंदौर के एक मछली ठेकेदार अनवर कादरी ने लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें राजगढ़ के कुंडलिया डैम में नवंबर 2024 में 7 सालों के लिए मछली पालन का ठेका मिला था, लेकिन राजगढ़ जिला मत्स्य महासंघ की अधिकारी सुरेखा सराफ इसके लिए हर महीने 3 लाख रुपये की रिश्वत मांग रही थीं और न देने पर काम में रुकावट डालने और झूठे आरोप लगाकर टेंडर रद्द करने की धमकी दी है।
इसके बाद कादरी ने इसकी शिकायत भोपाल लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक दुर्गेश राठौर से की। शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त की टीम ने कार्रवाई की योजना बनाई और निरीक्षक रजनी तिवारी के नेतृत्व में टीम राजगढ़ पहुंची। टीम ने जाल बिछाकर आरोपी मुबारिक गौरी को 1 लाख की रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। हालांकि, आरोपी महिला अधिकारी सुरेखा सराफ को फिलहाल गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।
निरीक्षक रजनी तिवारी ने बताया कि सुरेखा सराफ और मुबारिक गौरी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। दोनों पर भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 की धारा 7,12 के तहत मामला दर्ज किया गया है। छापेमारी की सूचना मिलते ही अफसर ऑफिस और घर से फरार हो गईं। उनके मोबाइल नंबर भी बंद है। लोकायुक्त की टीम सुरेखा सराफ की तलाश कर रही है।
ट्रैप दल के सदस्य में निरीक्षक रजनी तिवारी, निरीक्षक घनश्याम मर्सकोले, प्रधान आरक्षक रामदास कुर्मी, प्रधान आरक्षक श्रीमती नेहा परदेसी, आरक्षक मुकेश परमार, आरक्षक विनोद यादव और आरक्षक चैतन्य प्रताप सिंह शामिल रहे। आगे की जांच और कार्रवाई जारी है।