भोपाल। मध्यप्रदेश लोकायुक्त पुलिस की कार्यवाही मे नामली टप्पा तहसील कार्यालय में पदस्थ लिपिक प्रकाश पलासिया को लोकायुक्त पुलिस के एक दल ने पन्द्रह हजार रु. की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। पलासिया ने पंचेड निवासी एक व्यक्ति से नामांतरण के लिए पचास हजार रु. की रिश्वत मांगी थी।
मध्यप्रदेश में रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई का सिलसिला लगातार जारी है। लगभग हर दूसरे दिन कहीं न कहीं लोकायुक्त रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ रही है लेकिन इसके बावजूद रिश्वतखोर बाज आते नजर नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला मध्यप्रदेश के रतलाम जिले का है जहां तहसीलदार के रीडर को लोकायुक्त की टीम ने 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ा है। रीडर नामांतरण खारिज करने के एवज में ये रिश्वत ले रहा था।
लोकायुक्त पुलिस के सूत्रों के मुताबिक पंचेड निवासी गणपत ने लोकायुक्त पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी टप्पा तहसील नामली में नायब तहसीलदार के रीडर प्रकाश पलासिया ने नामांतरण के एक प्रकरण में फरियादी के पक्ष में निर्णय करने के लिए पचास हजार रु.की रिश्वत मांगी थी,लेकिन बाद में चालीस हजार रु. में मामला तय हुआ था। गणपत रिश्वत की रकम में से पांच हजार रु. दे भी चुका था। शेष राशि देना बाकी थी। लोकायुक्त पुलिस ने फरियादी गणपत की शिकायत सही पाई जाने पर भ्रष्ट कर्मचारी को ट्रैप करने की योजना बनाई।
योजना के मुताबिक गुरुवार को फरियादी गणपत विशेष रसायन लगे हुए पन्द्रह हजार रु.के नोट लेकर तहसील कार्यालय पंहुचा। उसने प्रकाश पलासिया से कहा था कि अभी उसके पास पन्द्रह हजार रु. ही है। तो प्रकाश ने कहा कि ठीक है,अभी पन्द्रह हजार दे दो,बाकी बाद में दे देना। योजना के मुताबिक गणपत ने तहसील कार्यालय पंहुच कर प्रकाश पलासिया को रिश्वत की रकम दी और पूर्व निर्धारित इशारा मिलते ही लोकायुक्त पुलिस के दल ने बाबू को धर दबोचा।
ट्रैप की कार्यवाही लोकायुक्त पुलिस के निरीक्षक दीपक शैजवार के नेतृत्व में पूरी की गई है। लोकायुक्त के दल में निरीक्षक राजेन्द्र वर्मा सहित अन्य पुलिसकर्मी भी शामिल थे। आरोपी प्रकाश पलासिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।