नारकोटिक्स सेल इंदौर प्रकोष्ठ मंदसौर कि कार्यवाही पर न्यायालय द्वारा अवैध रूप से डोडाचूरा का परिवहन करने वाले आरोपियों को 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास
मंदसौर। विषेष न्यायाधीष एनडीपीएस एक्ट मंदसौर द्वारा आरोपीगण 01) धर्मेन्द्रसिंह पिता रोडसिंह सोनगरा उम्र 32साल नि0ग्रा0 राणाखेडा थाना अफजलपुर जिला मंदसौर 02) लालसिंह पिता सामंतसिंह राठौर उम्र 50साल नि0ग्रा0 साखतली थाना सीतामउ जिला मंदसौर 03) राजेन्द्र उर्फ राजू पुत्र बालूराम निनामा उम्र 22साल नि0ग्रा0 लसुडियाईला थाना भावगढ जिला मंदसौर को डोडाचूरा तस्करी करने का दोषी पाते हुए 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास और 1-1 लाख रू अर्थदण्ड से दण्डित किया।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी दीपक जमरा द्वारा घटना के संबंध में बताया कि दिनांक 29.02.2016 को थाना नारकोटिक्स सेल इंदौर प्रकोष्ठ मंदसौर में मुखबिर सूचना मिली कि आरोपी धर्मेन्द्र राजपूत, लालसिंह राठौर एवं राजेन्द्र उर्फ राजू अवैध डोडाचूरा लेकर ग्राम कमालपुरा रोड, गिटटी मषीन के सामने किसी बाहरी तस्कर को देने के लिए खडे हैं उनके पास काले रंग की प्लेटिना मोटरसाईकिल यदि तुरंत दबिष दी जाए तो सफलता मिल सकती अन्यथा वे निकल सकते हैं। मुखबिर सूचना पर कार्यवाही हेतु मय फोर्स के थाने से रवाना होकर कमालपुरा रोड गिटटी मषीन के सामने पंहुचे तो वहां मुखबिर सूचना के मुताबिक हुलिए के 3 व्यक्ति 4 प्लास्टिक के कट्टे जिनमें कुछ भरा हुआ था पर बैठे मिले थे उनके पास ही प्लेटिना मोटरसाईकिल खडी थी। उनके पास जाकर नाम पता पूछने पर पहले व्यक्ति ने अपना नाम धर्मेन्द्रसिंह दूसरे ने लालसिंह व तीसरे ने राजेन्द्र उर्फ राजू बताया था। मौके पर ही निरीक्षक ए.एस. भाबर द्वारा उक्त आरोपीगण को मुखबिर सूचना से अवगत कराया और तलाषी लेने की बात कही। आरोपीगण के कब्जे के सफेद मटमैले 4 प्लास्टिक के कट्टो की तलाषी ली थी जिनमे डोडाचूरा भरा हुआ मिला। उक्त अवैध मादक पदार्थ डोडाचूरा का तौल इलैक्ट्रªॉनिक तराजू बांट से किया गया तो प्रत्येक कट्टे में 26 किलो चारों कट्टो में कुल बजन 104 किलोग्राम डोडाचूरा होना पाया गया। आरोपीगण के पास डोडाचूरा रखने बाबत लायसेंस नही होने से आरोपीगण का कृत्य धारा 8/15 एनडीपीएस के तहत दंडनीय होने से उन्हे गिरफतार कर मौके की संपूर्ण कार्यवाही पश्चात मय जप्तषुदा अवैध मादक पदार्थ डोडाचूरा जप्त कर थाने पर वापसी उपरांत आरोपीगण के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया व संपूर्ण अनुसंधान उपरांत न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया।
न्यायालय द्वारा अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण को दोषसिद्ध किया।