स्व सहायता समूह की महिलाओं से अवैध रूप से राशि प्राप्त करने वाले आरोपी को 3 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा
मंदसौर। मध्यप्रदेश,मंदसौर, जिला एवं सत्र न्यायाधीष मंदसौर द्वारा आरोपी सुनील तोमर को शासकीय रिकॉर्ड में हेराफेरी करने एवं अवैध रूप से स्व सहायता समूह की महिलाओं से राषि प्राप्त करने अपराध में दोषी पाते हुए 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10,000 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया।
अभियोजन सहायक मीडिया सेल प्रभारी बलराम सोलंकी द्वारा बताया कि आरोपी सुनील तोमर म0प्र0 डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिषन में सहायक विकास खंड प्रबंधक मल्हारगढ में पदस्था था जो ग्रामीण गरीब व अति गरीब परिवारों को हितग्राही मूलक योजनाओं का समूह बनाकर लाभ दिलाये जाने हेतु अधिकृत था। इनके द्वारा स्व सहायता समूह मां लक्ष्मी स्वसहायता समूह व श्री कृष्ण स्व सहायता समूह ग्राम अमरपुरा से 75-75 हजार रूपये की राशि निकाली गई एवं उक्त दोनों समूहों की महिलाओं को 50-50 हजार रूप्ये दिये गए शेष राषि 25-25 हजार अपने पास रख ली एवं 25 हजार रूपये की राशि अपनी पत्नी गीता तोमर के नाम पर एनईएफटी की गई। जिसकी शिकायत स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा की गई जिस पर से पुलिस मल्हारगढ ने अपराध क्र. 51/22 धारा 409 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की गई एवं चालानी कार्यवाही की गई। प्रकरण में अभियोजन की ओर से 10 साक्षियों के कथन कराये गये एवं दस्तावेज प्रदर्शित कराये गये अभियोजन द्वारा रखे गये तथ्यों एवं तर्कों से सहमत होकर माननीय न्यायालय ने आरोपी को दोषसिद्ध किया। जिसमें आरोपी सुनील तोमर को धारा 409 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10 हजार रूपये अर्थदण्ड से दंडित किया।
प्रकरण में अभियोजन का सफल संचालन लोक अभियोजक तेजपाल सिंह शक्तावत(धाकडी) अपर लोक अभियोजक भगवतीलाल शर्मा एवं मोहनसिंह पंवार द्वारा किया गया।