भोपाल मे 4.12 लाख विद्यार्थियों पर मात्र 11 खेल शिक्षक, प्रदेश 1 लाख 22 हजार सरकारी स्कूलों में 758 खेल शिक्षक, 1742 पद खाली पड़े हुवे
भोपाल। मध्यप्रदेश के भोपाल जिले के 991 प्राथमिक, माध्यमिक व हायर सेंकंडरी स्कूलों में से मात्र दो स्कूलों के पास अपने खेल मैदान है। ऐसा ही हाल खेल शिक्षकों का है। 4.12 लाख विद्यार्थियों पर मात्र 11 खेल शिक्षक है। इन परिस्थितियों में प्रदेश के स्कूलों में खेलों का हाल हो रहा होगा, यह किसी से भी छिपा नहीं है। जिन स्कूलों में खेल मैदान है उनमें महात्मा गांधी व राजा भोज हायर सेकंडरी स्कूल का नाम शामिल है। इनमें से राजा भोज स्कूल का खेल मैदान खस्ता हो चुका है, जिसमें प्रतियोगिताएं कराना संभव नहीं है तो वहीं महात्मा गांधी स्कूल में सीएम राइज के तहत नया भवन बनाया जाना है, जिसके कारण यह भी उक्त प्रतियोगिताओं के लिए उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा जिले के 991 स्कूलों में 4.12 लाख विद्यार्थी हैं जिन पर केवल 11 खेल शिक्षक ही हैं। इधर प्रदेश की बात करें तो करीब एक लाख 22 हजार सरकारी स्कूलों में 758 खेल शिक्षक तो हैं, लेकिन इनमें से भी ज्यादातर के पास खेल मैदान नहीं है, जबकि खेलकूद शिक्षकों के 1742 पद खाली पड़े हैं। यह स्थिति तब है जब राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत खेल को अनिवार्य किया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग खेल पर सलाना छह करोड़ रुपये बजट खर्च करता आ रहा है तब भी स्कूलों में खेल मैदान, खेल शिक्षक के साथ-साथ कोई संसाधन नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि कोरोना काल के बाद अभी हाल में लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआइ) ने प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में करीब साढ़े चार करोड़ रुपये का खेलकूद का सामान बांटा गया, लेकिन यह भी पर्याप्त नहीं हैं। विद्यार्थियों के अनुपात के हिसाब से स्कूलों में खेलकूद के सामान उपलब्ध नहीं है। सरोजनी नायडू कन्या उमावि में पहली से 12वीं तक करीब 1400 विद्यार्थी हैं। खेल शिक्षक भी हैं, लेकिन खेलकूद का सामान पर्याप्त नहीं है। इस कारण से सभी छात्राएं एक साथ नहीं खेल पाती हैं। स्कूल में जूडो, खो-खो, बालीवाल, ताइक्वांडो, हाकी, क्रिकेट खेल ही खिलाए जाते हैं। कुछ ऐसा ही हाल राजा भोज स्कूल का है। जहां का खेल मैदान बदहाल है और शिक्षक भी नहीं हैं। राजीव गांधी हाईस्कूल में भी खेल मैदान बदहाल है और शिक्षक भी नही हैं। इस कारण विद्यार्थियों को खेल का प्रशिक्षण नहीं दिया जाता। खेलकूद का सामान भी नहीं है। शासकीय उमावि जहांगीराबाद और शासकीय उमावि बागसेवनिया में खेलकूद के शिक्षक भी नहीं हैं और खेलकूद के सामान भी नाममात्र का है। इस बारे में स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी का कहना है कि स्कूलों में खेल मैदान सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए बजट जारी किया गया है। साथ ही खेल शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी शुरू की गई है।
ज्ञात हो विगत वर्ष खेल शिक्षक भर्ती मांग को लेकर बंशीलाल राठौर प्रदेश अध्यक्ष बी.पी.एड संघ मध्यप्रदेश के बेनर तले विदिशा से भोपाल तक पैदल यात्रा निकाली गई थी जिसमे बीपीएड, डीपीएड,एमपीएड आदी डिप्लामो डिग्रीधारी खेल प्रशिक्षक बेरोजागारों ने भोपाल मे धरना प्रदर्शन कर राज्य सरकार से वैकेन्सी निकालने की मांग की गई थी। संघ के प्रदेश प्रभारी विष्णु लववंशी ने खेल षिक्षक भर्ती के पद बढ़ाने की मांग की गई। महासचिव भीम जाट दिपक सर ने खेल पदो की बढ़ोत्री नही हुई तो संघ द्वारा पुनःआंदौलन करने जैसी बात कही।