शहीद के माता-पिता को अनुदान की राशि 10 हजार रुपए दी जाएगी, बेटियों की शादी का खर्चा उठाएगी मध्य प्रदेश सरकार-डॉ. मोहन यादव
भोपाल। भोपाल के बैरागढ़ स्थित थ्री ईएमई सेंटर में हुए भूतपूर्व सैनिकों के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहीदाें के माता-पिता को दी जाने वाली अनुदान राशि में बढ़ोतरी कर दी है। अब शहीद के माता-पिता को अनुदान की राशि 10 हजार रुपए दी जाएगी। जबकि, शहीदों की पुत्रियों एवं बहनों के विवाह पर आशीर्वाद राशि भी बढ़ाकर 51 हजार रुपए की गई है। प्रदेश में निवासरत द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिकों एवं उनकी पत्नियों की पेंशन 8 हजार रुपए से बढ़ाकर 15 हजार रुपए प्रतिमाह की गई है, जो देश में सर्वाधिक है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 3 ईएमई सेंटर भोपाल में भूतपूर्व सैनिक सम्मान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने शहीद माता-पिता को दी जाने वाली सहायता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मप्र के निवासी ऐसे माता-पिता, जिनकी पुत्री सेना में है, उनकी सम्मान निधि 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 20 हजार रुपए प्रतिवर्ष की गई है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मप्र सैनिक कल्याण में सदैव अग्रणी रहा है। यहां सेवारत एवं सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का सफल संचालन हो रहा है। उन्होंने सेना और उनके परिवारों के लिए कल्याणकारी निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि युद्ध एवं सैनिक कार्रवाई में शहीद होने वाले सेना, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के शहीदों के आश्रितों को एक करोड़ रुपए की सहायता राशि और एक आश्रित को शासकीय सेवा में विशेष नियुक्ति दी जाएगी।
सहायता राशि का आधा अंश शहीद की पत्नी को और आधा अंश आश्रित माता-पिता को दिया जाएगा। भूतपूर्व सैनिकों, विधवाओं, विकलांग सैनिकों एवं आश्रितों को विभिन्न योजनाओं के तहत आर्थिक सहायता तथा छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है, जो पूरे देश में सर्वाधिक है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों, दिव्यांग सैनिकों और विधवाओं को मिलने वाली छात्रवृत्ति को राज्य सरकार और बढ़ाने पर विचार कर रही है। सीएम ने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों के बच्चों को विभिन्न कोर्सेस में आरक्षण दिया जाएगा. जिला सैनिक कार्यालय में सहायक ग्रेड 3 के स्तर पर पदों को बढ़ाने का भी फैसला किया जा रहा है।
“शहीदों की मां को 10 हज़ार रुपए प्रति माह सम्मान निधि, बेटी और बहनों के विवाह के लिए 51 हजार रुपए की राशि दिए जाने का निर्णय स्वागत योग्य है”।
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