रिश्वत के मामले में मंदसौर जिला चिकित्सालय में पदस्थ लेखापाल अजय चौरसिया को हुआ 4 वर्ष का सश्रम कारावास
Madhya Pardesh//मंदसौर। विशेष न्यायधीश भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय मंदसौर द्वारा आरोपी अजय चौरसिया लेखापाल, जिला चिकित्सालय मंदसौर को रिश्वत लेने का दोषी पाते हुए 4 वर्ष का सश्रम कारावास व 10 हजार रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया।
ट्रैपदल ने 3500रू रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था
जिला अभियोजन अधिकारी निर्मलासिंह चौधरी द्वारा बताया गया मामला इस प्रकार है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शामगढ में पदस्थ डॉ शोभा मोरे चिकित्सा अधिकारी 6 माह के मातृत्व अवकाश पर रही थी उक्त अवकाश अवधि का वेतन के भुगतान के लिए खण्ड जिला चिकित्सा अधिकारी मंदसौर को आवेदन प्रस्तुत किया था। उक्त मातृत्व अवकाश की अवधि का वेतन आहरण का कार्य कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मंदसौर में पदस्थ प्रभारी लेखापाल अजय चौरसिया से मिली अवकाश अवधि का वेतन आहरण करने के लिए लेखापाल अजय चौरसिया द्वारा डॉ शोभा मोरे से 3500रू रिश्वत राशि की मांग की गई डॉ शोभा मोरे रिश्वत देना नही चाहती उसे रंगे हाथो पकडवाना चाहती थी इसलिए उसने उज्जैन जाकर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक को शिकायत की।
उक्त शिकायत पर कार्यवाही करते हुए उप पुलिस अधीक्षक वेदांत शर्मा द्वारा ट्रैपदल का गठन किया गया। तत्पश्चात ट्रैपदल द्वारा कार्यवाही करते हुए अभियुक्त लेखापाल अजय चौरसिया को डॉ शोभा मोरे से 3500रू रिश्वत राशि लेते हुए 09 जुलाई 2019 को रंगे हाथों पकडा। इसके बाद लोकायुक्त पुलिस द्वारा विशेष न्यायधीश भ्रष्टाचार निवारण मंदसौर के समक्ष अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया।
न्यायालय द्वारा विचारण उपरांत जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा रखे गये तथ्यों एवं तर्कों से सहमत होकर आरोपी अजय चौरसिया को धारा- 7 भ्रष्टाचार नि0 अधि0 1988 संशेधित अधिनियम 2018 के तहत 4 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10 हजार रू अर्थदण्ड से दंडित किया गया।