अज्जू को 20 साल की जेल सहित 10 हज़ार के अर्थदंड की सजा, विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) कोर्ट ने सुनाया फैसला
कक्षा आठवी की छात्रा ने एक बच्ची को जन्म दिया तब जाकर आरोपी के खिलाफ हुआ था प्रकरण दर्ज
भोपाल। कोलार थाना इलाके में 4 साल पहले डॉक्टर दंपत्ति के घर में नाबालिग किशोरी से ज्यादती करने वाले आरोपी अजय उर्फ अज्जू को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 20 साल की जेल सहित 10 हज़ार के अर्थदंड की सजा से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है। ये फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) तृप्ती पाण्डेय की कोर्ट ने सुनाया है।
मामले में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक टी.पी. गौतम एवं सरला कहार द्वारा की गई। लोक अभियोजक के अनुसार, पीड़िता ने पुलिस को बताया कि घटना 1 फरवरी 2019 से 28 फरवरी 2019 के बीच की है। वह कक्षा आठवी की छात्रा है, और घर के पास में रहने वाली सहेली के साथ पढने और कम्यूटर सीखने के लिए एक डॉक्टर दंपति के यहां जाती थी। फरवरी 2019 में एक दिन जब आंटी ट्यूशन पढ़ा रही थी, तभी कुछ देर बाद डॉक्टर दंपति साथ बाहर चले गए। उसी दौरान आरोपी अजय उर्फ अज्जू आया और कमरे में आकर जबरदस्ती गलत काम किया।
आरोपी ने घटना के बारे में किसी को कुछ बताने पर उसे और उसके परिवार वालो का जान से खत्म करने की धमकी दी थी। डर के कारण किशोरी ने उसने किसी को कुछ नही बताया। बाद में नाबालिग के पेट में दर्द होने पर परिवार वाले उसे इलाज के लिए अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां डॉक्टर ने बताया कि वो गर्भवती है। उसने एक बच्ची को जन्म दिया था। घटना का खुलासा 21 सितंबर 2019 को हुआ था।
अस्पताल प्रबंधन से नाबालिक लडकी द्वारा डिलेवरी की सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस को पीड़िता ने पूरी घटना बताई। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजते हुए जांच के बाद चालान कोर्ट में पेश किया था। सुनवाई के दौरान अभियोजन द्वारा प्रस्तुत किए गए साक्ष्य, तथ्यों, वस्तुओं, दस्तावेजों एवं तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय ने आरोपी को सजा सुनाई है।