मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में घोटाला सामने आने के बाद इंदौर-भोपाल में हजारों उम्मीदवार सड़कों पर उतर आए। उन्होंने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौपा, एक सप्ताह बाद आंदोलन की चेतावनी दी
भोपाल। इंदौर-भोपाल सहित पूरे प्रदेश में गुरुवार को पटवारी और अन्य भर्ती में गड़बड़ी के खिलाफ स्टूडेंट्स सड़क पर उतर आए। इंदौर में नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के नेतृत्व में हजारों की संख्या में स्टूडेंट्स दोपहर करीब 12.30 बजे कलेक्टर ऑफिस का घेराव कर दिया। इधर, भीड़ को देखते हुए पुलिस ने निगरानी के लिए वीडियो कैमरे से लैस ड्रोन उड़ाया।
रीवा के उम्मीदवारों की तरफ से मांग की गई है कि टॉपर्स का मीडिया के सामने ओपन ट्रायल कराइए। उनकी योग्यता प्रदर्शित होनी चाहिए। उपरोक्त विषय अंतर्गत लेख है कि मध्यप्रदेश में ग्रुप 2 सब ग्रुप 4 (पटवारी) परीक्षा परिणाम में घोटाला हुआ है जिस प्रकार से परीक्षा परिणाम में टॉप 10 में से 7 छात्रों का परीक्षा केंद्र छत्प् कॉलेज ग्वालियर से है 9000 अभ्यर्थियों में से अधिकतर चयनित अभ्यर्थियों का परीक्षा केंद्र एन. आर .आई कॉलेज था।
जिसमें ज्यादातर टॉपर्स के हस्ताक्षर हिंदी में है एक ही परीक्षा केंद्र से इतने टॉपर का आना घोटाला होने की और ध्यान केन्द्रित कर रहा है दिलचस्प बात तो यह है कि संयुक्त परीक्षा केंद्र के इतने कठिन पेपर में अन्य परीक्षा केंद्रों के अभ्यार्थी जहां 140 नंबर नहीं ला पाए वहीं कथित तौर पर छत्प् कॉलेज ग्वालियर के इस केंद्र के अभ्यर्थियों ने 188 अंक तक हासिल किए गए,तमाम तरह के स्क्रीनशॉट और छात्रों के रिजल्ट सोशल मीडिया पर आ रहे हैं जिनमें अभ्यर्थियों के 160 से अधिक अंक प्राप्त किए हैं यह सभी अभ्यार्थी छत्प् कॉलेज ग्वालियर के एक ही परीक्षा केंद्र में परीक्षा देने पहुंचे थे।
इंदौर में प्रदर्शनकारी छात्र तीन घंटे तक सड़क पर ही बैठे रहे। घेराबंदी के चलते कलेक्टर ऑफिस इलाके में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई। जाम लग गया। एसडीएम अंशुल खरे ज्ञापन लेने पहुंचे, लेकिन प्रदर्शनकारी कलेक्टर इलैयाराजा टी को ज्ञापन देते हुए छात्रों ने मांग की थी कि यदि पटवारी भर्ती में फर्जीवाड़े की सीबीआई जांच नहीं हुई तो अगली बार सीएम हाउस का घेराव करेंगे।
प्रियंका गांधी बोलीं, सरकार जांच कराने से क्यों कतरा रही
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी मध्यप्रदेश सरकार को घेरा है। उन्होंने ट्वीट में कहा, मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के शासन में एक बार फिर भर्ती में घोटाले की खबरें आ रही हैं। नौकरियों के लिए पदों की लाखों रुपए में बोली लगाए जाने की खबरें हैं। सरकार जांच कराने से क्यों कतरा रही है? भर्ती घोटालों से जुड़े होने के आरोप में भाजपा नेताओं का नाम ही क्यों सामने आता है? नौकरी के लिए भर्तियों में केवल घोटाले ही घोटाले हैं। भाजपा सरकार लाखों युवाओं का भविष्य अंधकार में क्यों डाल रही है?
भोपाल में भी कर्मचारी चयन मंडल के सामने बड़ी संख्या में पटवारी अभ्यर्थी जमा हुए। पटवारी परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए 400 से ज्यादा अभ्यर्थी दफ्तर के गेट पर बैठ गए। मध्यप्रदेश बेरोजगार संघ के वाइस प्रेसिडेंट अजय पांडे ने कहा, 2017 के बाद से लगातार समस्याएं हो रही हैं। हमने शांतिपूर्ण तरीके से कलेक्टर को आवेदन दिया है। सात दिन का समय दिया है। अगर इस मामले में जांच नहीं हुई, तो हम एक सप्ताह बाद जंबूरी मैदान पर आंदोलन करेंगे। हम भोपाल से दिल्ली तक जाएंगे।
कथित पटवारी परीक्षा घोटाला मामले में अब विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। परीक्षा में भाग लेने वाले प्रतियोगी छात्रों के इसको लेकर खासा आक्रोश है। गुरुवार को मंदसौर संख्या के छात्रों ने भी रैली निकालकर प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे और पटवारी परीक्षा में ग्रुप 2 व 4 परीक्षा परिणाम की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए मुख्यमंत्री के नाम सौंपा है।