15 हजार रूपये रिश्वत मांगने वाले वनपाल रमेश राव को 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10 हजार रूपये जुर्माना
मंदसौर। विषेष न्यायधीष महोदय भ्र0नि0अधि0 श्री किषोर कुमार गेहलोत मंदसौर द्वारा आरोपी रमेष राव, वनपाल, वनमंडल अधिकारी कार्यालय मंदसौर को 10 हजार रूपये रिष्वत लेने का दोषी पाते हुए धारा 13(1) सहपठित 13(1)(डी)(2) भ्र0नि0अधि0 में 4 वर्ष का सश्रम कारावास व 10 हजार रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी दीपक जमरा द्वारा बताया गया कि फरियादी प्रदीप शर्मा पिता कन्हैयालाल शर्मा निवासी दलौदा जिला मंदसौर ने अनावेदक वनपाल रमेष राव के विरूद्ध रिष्वत की मांग किये जाने के संबंध में दिनांक 09.07.2014 को विपुस्था लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में आवेदन प्रस्तुत किया था कि मेरे पिता कन्हैयालाल के नाम से लायसेंसी आरा मषीन दलौदा में है उक्त आरा मषीन का कार्य मै देखता हूं मेरी उक्त आरा मषीन पर वनपाल रमेष राव मंदसौर आया और कहा कि यदि 15000 रूपये रिष्वत नही दोगे तो मै अवैध लकडी का केस बनवा दूंगा। फरियादी के उक्त आवेदन पर निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने कार्यवाही करते हुए आवेदक को रमेष राव वनपाल के साथ होने वाली रिष्वत की मांग संबंधी बातचीत को रिकॉर्ड करने हेतु एक रिकॉर्डर दिया। फरियादी प्रदीप शर्मा ने दूसरा आवेदन पत्र दिनांक 10.07.2014 को लोकायुक्त कार्यालय में प्रस्तुत किया जिसमें यह लेख किया कि रमेष राव ने मुझसे डीएफओ मंदसौर के नाम से 10,000 रूपये रिष्वत की मांग की है और अपने लिए हर महीने 1000 रूपये की मांग की है और रिष्वत की राषि लेकर 10.07.2014 को मंदसौर बुलाया है 10.07.2014 को साक्षी ने रमेष राव को फोन लगाया रमेष राव ने गांधी चौराहा मंदसौर के पास मिलने के लिए बुलाया उस समय साक्षी के साथ दो आरक्षक सादे कपडे में साथ चले थे वह रमेष राव से मिला और उससे बातचीत की और अपनी जेब में रखे 10,000 रूपये, 500-500 के कुल 20 नोट उसे दे दिये उसके बाद लोकायुक्त ने उसे पकड लिया। तत्पष्चात मौके की संपूर्ण कार्यवाही पश्चात आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया प्रकरण में संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेष किया गया।