पुलिसकर्मियों को कॉल करके ट्रांसफर एवं विभागीय जांच के नाम पर धमकाकर पैसे मांगने वाला एक व्यक्ति पकड़ाया
भोपाल। डीजीपी कार्यालय का ऑफिसर बनकर धोखाधड़ी करने वाले को भोपाल क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। पुलिसकर्मियों को कॉल करके ट्रांसफर एवं विभागीय जांच के नाम पर धमकाकर पैसे मांगता। पकड़े गये आरोपी के पास से 50 से ज्यादा शासकीय अधिकारी व कर्मचारी की कॉन्टैक्ट लिस्ट मिली है। आरोपी इंदौर के होटल में गार्ड की नौकरी करता था। वहां पर पुलिस अधिकारी व कर्मचारी की गाड़ी में लगे वायरलेस सेट से पुलिस की कार्यप्रणाली के बारे में सुनकर धोखाधड़ी करने की योजना बनाई।
आरोपी के खिलाफ मध्यप्रदेश पुलिस की सब-इंस्पेक्टर ने शिकायत दर्ज कराई कि एक व्यक्ति अज्ञात नंबर से कॉल करके खुद को पुलिस विभाग का अधिकारी बताकर सस्पेंड करने व ट्रांसफर करने के नाम पर कर्मचारियों से पैसे मांग रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए टीम गठित की गई। टीम ने टेक्निकल एनालिसिस के आधार पर मोबाइल नंबर ट्रेस किया। इसके बाद हरदौली थाना पनवार, रीवा के रहने वाले बुद्धसेन मिश्रा (29) पुत्र रामनिरंजन मिश्रा को गिरफ्तार किया।
अरोपी ने पूछताछ में पुलिस अधिकारी बनकर फर्जी नंबर से कॉल करके सस्पेंड व ट्रांसफर कराने के नाम पर पैसे मांगने की बात स्वीकार की। पुलिस ने आरोपी के पास से दो मोबाइल और तीन सिम कार्ड जप्त किए हैं। आरोपी के पास से 50 से ज्यादा शासकीय अधिकारी व कर्मचारी की कॉन्टैक्ट लिस्ट मिली है। पुलिस आरोपी से अन्य मामलों में पूछताछ कर रही है। इसके ऊपर पहले भी धोखाधड़ी का मामला दर्ज हो चुका है।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह इंदौर में गुरुकृपा होटल में गार्ड की नौकरी करता था। वहां पर पुलिस अधिकारी व कर्मचारी का आना – जाना लगा रहता था। आरोपी उनके पास मौजूद वायरलेस सेट से पुलिस की कार्यप्रणाली के बारे में सुनता था। इस पर आरोपी ने योजना बनाई कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बनकर कर्मचारियों को डरा धमकाकर पैसे मांगे जा सकते हैं। आरोपी ने गूगल से सभी कंट्रोल रूम के नंबर निकाले। सभी जिलों में तैनात एसआरसी बाबू का नंबर लिया।
इसके बाद फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर ट्रांसफर होने वाले अधिकारी और कर्मचारी की जानकारी ले ली। अधिकारी व कर्मचारी के कार्यक्षेत्र से संबंधित व्यक्ति को कॉल करके फोन पर बात करने का आदेश देता। कॉल आने पर ट्रांसफर के लिए दिए आवेदन पर बात करके पैसों की मांग करता। कई को कॉल करके शिकायत मिलने की बात कहकर सस्पेंड करने की धमकी देता और पैसों की मांग करता। आरोपी के लहजे के कारण पहले किसी को शक नहीं हुआ। इसलिए कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई।