मंदसौर मेडिकल एप्रोच रोड़ अवैध निर्माण 17 फरवरी 2025 तक हटाने के कलेक्टर न्यायालय के आदेश के बाद कांगेस की मांगः-सीएमओ व इंजनियर को निलंबीत किया जावे ताकि जांच प्रभावित ना हो
मंदसौर। तैलिया जालाब केनन और पुलिस कॉलोनी की जमीन पर रातो रात एप्रोच रोड़ बनाएं जाने के मामले मे नगर पालिका सीएमओ को कलेक्टर द्वारा जारी नोटिस के अनुसार 12 फरवरी से पुर्व एप्रोच रोड़ को हटाना के आदेश जारी हुआ है। न्यायालय कलेक्टर ने अपने प्रकरण क्रमांक 156/बी-121/2024-25 के तहत दिनांक 11-02-2025 को मुख्य नगर पालिका अधिकारी को निर्देश जारी करते हुए मेडिकल कॉलेज के साईड मैं केनाल की जगह पर एप्रोच रोड बनाने के मामले में आदेश जारी किये है। जिसके तहत सात बिंदूओं में सीएमओ को 17 फरवरी 2025 तक स्वयं उपस्थित होकर प्रतिवेदन देने को कहा है। ज्ञात हो इस मामले मे पुलिस अधिक्षक द्वारा उचित कार्यवाही हेतु कलेक्टर को पत्र लिखा गया था
प्राप्त जानकारी के अनुसार कलेक्टर न्यायालय में प्रचलित उपरोक्त प्रकरण में पुलिस अधीक्षक मंदसौर द्वारा प्रेषित पत्र एवं कतिपय समाचार पत्रों के माध्यम से यह तथ्य संज्ञान में आया है कि कस्बा मंदसौर में पुलिस विभाग हेतु आरक्षित आवंटित भूमि में आपके द्वारा सडक निर्माण कार्य किया गया है। तत्संबंध में पेशी दिनांक 10/02/025 को प्रदत्त निर्देश के क्रम में आप निम्न कार्य पूर्ण कर समस्त बिन्दुओं के पालन प्रतिवेदन सहित आगामी पेशी 17 फरवरी 2025 को स्वयं उपस्थित होकर प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें की एक सप्ताह में अवैध रूप से निर्मित सम्पूर्ण निर्माण कार्य हटाकर भूमि को यथा पूर्व स्थिति में कर स्थल के स्पष्ट फोटोग्राफ प्रस्तुत करें। निर्माणकर्ता ठेकेदार पर विधिसंगत कार्यवाही कर पेनेल्टी लगाकर पेनेल्टी की रसीद प्रस्तुत करें। निर्माणकर्ता ठेकेदार को ब्लेकलिस्ट करने की कार्यवाही कर आगामी पेशी पर सप्रमाण अवगत करावें। अवैध निर्माण में बिना अनुमति के काटे गये वृक्षों हेतु नियमानुसार अर्थदण्ड जमा कराया जाकर रसीद प्रस्तुत करें। अवैध सडक निर्माण हेतु उत्तरदायी संबंधित इंजीनियर के विरूद्ध विधिसंगत कार्यवाही कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें एवं आगामी पेशी पर उपस्थित करें। नाले नहर की संरचना पूर्ववत की जावे, साथ ही निर्माण स्थल से मशीनरी वाहनों को तत्काल हटाकर कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। पुलिस विभाग, म.प्र. शासन की भूमि में अवैध रूप से निर्मित सडक में हुई नुकसानी की प्रतिपूर्ति हेतु मुख्य नगरपालिका अधिकारी संबंधित विभाग के समन्वय से संबंधित विभाग को क्षतिपूति का भुगतान कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। बतादें नगर पालिका द्वारा एप्रोच रोड़ बनाने के मामले को लेकर 13 फरवरी को परिषद की बैइक मे भी पार्षद एवं पुर्व नगर पालिका अध्यक्ष राम कोटवानी ने आठ करोड़ की लेनदेन होने जैसे संगीन आरो लगाएं जो अब सही साबित हो सकते है। मामला जो भी हो पर नगर पालिका सीएमओ एसके सिंह को एप्रोच रोड कही किसी बड़ी मुसीबत मे ना फंसा दे। चर्चा तो यहां तक है की इस मामले मे एक दो को जेल भी जाना पढ़ सकता है।
कांग्रेस की मांगः- सीएमओ नगर पालिका मंदसौर,डीन मेडिकल कॉलेज मंदसौर, पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियर सहित अन्य दोषी जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारीयों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए,वरना यह लोग जांच प्रभावित करेंगे …..मन्दसौर नगर के प्रमुख जल स्त्रोत तेलिया तालाब के जल भराव के मुख्य स्त्रोत बुगलिया केनाल पर विगत दिनों अवैधानिक रूप से एप्रोच रोड़ बनाने का मामला सामने आया एवं मन्दसौर के जागरूक मीडिया ने इसे दमदारी से उठाया,मंदसौर विधायक श्री विपिन जैन सहित कई राजनैतिक एवं सामाजिक संगठन के कार्यकर्ताओं ने मामले में कार्यवाही की मांग की । मन्दसौर पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर वाय डी नगर थाने में अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई गई । अज्ञात में एफआईआर दर्ज होने पर शहर कांग्रेस कमेटी मन्दसौर अध्यक्ष डॉ राघवेंद्रसिंह तोमर ने कई सवाल उठाए एवं तत्काल मेडिकल कॉलेज की डीन सहित सीएमओ नगर पालिका परिषद मन्दसौर एवं अन्य ज्ञात के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की मांग का पत्र पुलिस अधीक्षक मन्दसौर को दिया। अब मामले में कलेक्टर न्यायालय मंदसौर द्वारा प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही प्रारंभ की गई है । न्यायालय में कार्यवाही प्रारंभ होने पर शहर कांग्रेस कमेटी मन्दसौर अध्यक्ष डॉ राघवेंद्रसिंह तोमर ने कलेक्टर सहित जिम्मेदार अधिकारियों से मांग की है कि जब कलेक्टर न्यायालय ने मामला दर्ज कर कार्यवाही शुरू की है तो ऐसे में सीएमओ नगर पालिका मंदसौर,डीन मेडिकल कॉलेज मंदसौर, पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियर सहित अन्य दोषी जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारीयों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए,वरना यह लोग जांच प्रभावित करेंगे । डॉ राघवेंद्रसिंह तोमर ने मांग की है कि इन सभी अधिकारियों को इनके पद से तत्काल हटाया जाना न्यायिक रूप से भी नितांत आवश्यक है क्योंकि प्रथम दृष्टया मामला इनके विरुद्ध ही सामने आया है एवं प्रारंभिक जांच में भी इन्हीं की भूमिका संदिग्ध है ।