कांग्रेस संगठन में दलित, अल्पसंख्यक के साथ ही महिलाओ की भागीदारी नही होने की आशंका, कांग्रेस जिला प्रभारी का दर्द भरा खत पढ़े…..
मंदसौर। मध्यप्रदेश, वर्तमान में कांग्रेस विचारधारा के साथ दो मुख्य वर्ग दलित एवं अल्पसंख्यक विपरित परिस्थितियो के साथ बने हुये है। आज कांग्रेस लगातार सत्ता में बाहर है लेकिन उसके बावजुद ये दोनो वर्ग कांग्रेस के साथ बने हुये है। इसके साथ ही वर्तमान में लगातार देश में महिलाओ की भागीदारी सुनिश्चित करने की बात कहीं जा रही है लेकिन उसके बावजुद फिलहाल महिलाओं की सत्ता एवं ंसंगठन में भागीदारी पर्याप्त नही है। इस स्थिति में आगामी कांग्रेस संगठन के पुनर्गठन में दलित, अल्पसंख्यक, पिछडा वर्ग के साथ ही महिलाओ की भागीदारी सुश्चित होना चाहिये।
यह बात जिला कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री एवं प्रवक्ता सुरेश भाटी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतु पटवारी को लिखे पत्र के माध्यम से कही है। उन्होनें व्यक्तिगत रूप से अपने सुझावो से अवगत कराते हुये कहा कि पिछली बार कांग्रेस संगठन पुनर्गठन में इसका ख्याल नही रखा गया। वर्तमान में कांग्रेस के 11 मुख्य ब्लॉक एवं दो उप ब्लॉको में एक भी दलित एवं अल्पसंख्यक वर्ग का मुख्य अध्यक्ष नही है, कार्यकारी का प्रावधान सिर्फ संगठन मजबूती के लिहाज से ठिक है लेकिन संगठन बायलॉज के अनुसार वैधानिक पद नही है।
श्री भाटी ने कांग्रेस के आला कमान को पुनः पत्र के माध्यम से अपने सुझाव अवगत कराते हुये कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन में पिछडा, दलित एवं अल्पसंख्यक वर्ग की भागीदारी के साथ ही महिला सशक्तिकरण की बात कहीं गयी है लेकिन आगामी कांग्रेस संगठन के पुनर्गठन में पुन; दलित, अल्पसंख्यक के साथ ही महिलाओ की भागीदारी नही होने की आशंका है। उन्होने वर्ष 2006 के कांग्रेस संगठन पुनर्गठन का उदाहरण देते हुये कहा कि उस दौरान चार महिलाओ को मुख्य संगठन में स्थान देते हुये ब्लॉक अध्यक्ष बनाया गया था, इस बार मंदसौर के कुल 11 मुख्य ब्लॉक एवं 2 उप ब्लॉको में गठन प्रकिया में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करते हुये दलित, अल्पसंख्यक, पिछडा वर्ग को सही एवं उचित प्रतिनिधित्व दिया जाये जिससे संगठन मजबूत होकर आमजन का प्रतिबिम्ब बन पाये।