आवारा मवेशी शब्द पर मंदसौर के पुर्व विधायक द्वारा शासन को सलाह- “सनातन धर्म में गाय को गौ माता का दर्जा” दिया गया है ऐसे में उनको आवारा शब्द से संबोधित किया जाना उचित प्रतित नहीं होता है।
आवारा मवेशी नियंत्रण समिति गठित, मध्यप्रदेश शासन द्वारा आदेश जारी
भोपाल। आवारा मवेशियों की समस्या से निजात दिलाने हेतू मध्य प्रदेश शासन ने एक आदेश जारी कर आवारा मवेशियों के लियत्रंण हेतू एक समिति का गठन किया गया।
आवारा मवेशी शब्द पर मंदसौर के पुर्व विधायक यशपालसिंह सिसोदिया ने एक्स पर ट्टवीट कर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव व सामान्य प्रशासन विभाग, मध्य प्रदेश को सलाह देते हुए लिखा की “सनातन धर्म में गाय को गौ माता का दर्जा” दिया गया है ऐसे में उनको आवारा शब्द से संबोधित किया जाना उचित प्रतित नहीं होता है।
शासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार अपर सचिव मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अपर मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन ग्रह विभाग इस समिति के अध्यक्ष, नगरीय आवास सचिव व अन्य तीन सदस्य के रूप मे नामित किये गये। यह समिति 15 दिवस मे इस गंभीर मामले पर 15 दिवस का विशेष अभियान चलाकर आवारा मवेशीयों के नियतंण पर कार्य करेगा। इसी के चलते प्रदेश के प्रमुख मार्गों पर आवारा मवेशियों को नियंत्रित करने के लिए नौकरशाहों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। दरअसल, सड़कों से मवेशी हटाने के लिए कमेटी बनाई गई है। प्रदेश में आईएएस अधिकारी सड़कों में आवारा मवेशी नियंत्रित करने का काम करेंगे।
मध्यप्रदेश की सड़कों पर अब आवारा मवेशी नहीं दिखाई देंगे। सामान्य प्रशासन विभाग ने आवारा पशु नियंत्रण के लिए समिति बनाई है। जिसमें आईएएस अधिकारियों को अध्यक्ष और सदस्य बनाया गया है। ये अधिकारी 15 दिन में अभियान चलाकर सड़कों से मवेशी हटाएंगे। पीडब्ल्यूडी, पंचायत, नगरीय प्रशासन और पशुपालन विभाग के आईएएस अधिकारियों को इस समिति में शामिल किया गया है।
आवारा मवेशीयों से वाहन चालक होते हैं परेशान
मवेशियों का सबसे ज्यादा जमावड़ा सड़कों पर होता है। यहां पर लगभग पूरी सड़क पर मवेशी दिन भर खड़े रहते हैं तो कई मवेशी बीच सड़क पर ही बैठे रहते है। वाहन चालक हार्न भी बजाता है तब भी वे टस से मस नहीं होते। वाहन चालकों को नीचे उतरकर उन्हें सड़क किनारे करना पड़ता है, तभी वह आगे बढ़ते हैं। दिन हो या फिर रात यह मवेशी राहगीरों के लिए सबसे ज्यादा मुसीबत बने हुए हैं लेकिन प्रशासन द्वारा इस ओर कोई ध्यान न दिए जाने से सब्जी व फल विक्रेता व राहगीरों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।
आपको बता दें कि प्रदेश सरकार प्रमुख मार्गों पर 15 दिवस का विशेष अभियान चलाएगी। जिसमें आवारा मवेशी नियंत्रण के लिये कार्रवाई की जाएगी। 5 सदस्यीय टीम गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव के निर्देशन में काम करेगी।