इंदिरा गांधी जिला अस्पताल मंदसौर के एक डॉक्टर, छः नर्सिंग स्टाफ को शोकाज नोटिस जारी, मामलाः-वायरल वीडियो मे मरीजो के उपचार के लिए राशि की माँगने का
कलेक्टर ने सोशल मीडिया पर चल रहे जिला अस्पताल के वायरल वीडियो को संज्ञान में लेकर कार्यवाही के दिए निर्देश
मंदसौर। जिला अस्पताल का एक वीडियो जो सोशल मीडिया पर 5 अप्रैल के दिन वायरल हुवा था। उक्त वीडियो को कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने संज्ञान में लेकर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश सिविल सर्जन डॉक्टर डीके शर्मा को दिए थे। जिस पर सिविल सर्जन ने डॉ. अरिहंत जैन चिकित्सा अधिकारी प्रभारी नर्सिंग ऑफिसर मेल मेडिकल वार्ड, ललिता पाटीदार, कविता राठौर, उषा बहिराम, मीनाक्षी साहू, चंदा सौलकी, अर्चना पाटीदार नर्सिंग ऑफिसर जिला चिकित्सालय मंदसौर को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है।
वायरल वीडियो मे मरीजो के उपचार के लिए राशि की माँगी
वायरल वीडियो के माध्यम से यह ज्ञात हुआ है कि, प्रातः कालीन चिकित्सक का राउण्ड दोपहर 12ः44 बजे तक नही हुआ है एवं चिकित्सक एवं स्टॉफ के द्वारा मरीजो के उपचार के राशि की माँगी की जा रही है। उक्त घटना से चिकित्सालय की छवि धुमिल हो रही है, साथ ही पूर्व मे में भी डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ को कई बार अवगत करवाया गया है कि किसी भी मरीज को जमीन पर नही सुलाना है, यदि मरीज की संख्या मे वृद्धि हो रही है तो उन्हे कोविड वार्ड या आई वार्ड मे शिफ्ट करके उनका उपचार किया जाए। उसके बावजूद भी इनके द्वारा मरीजो को जमीन पर रखकर उनका उपचार किया जा रहा है, उक्त नोटिस के जवाब में प्रति उत्तर समय सीमा के अंदर प्रस्तुत करेंगे। जवाब प्रस्तुत नहीं करने की स्थिति में एक पक्षीय कार्यवाही होगी।
विडियो की जाँच के लिए जांच दल गठित
उक्त विडियो की जाँच के लिए टीम का गठन किया गया है, जांच टीम में डॉ. बी.एल. रावत शिशु रोग विशेषज्ञ, डॉ. डी. के. पिप्पल एनेसथिसिया विशेषज्ञ, श्रीमति रश्मि चौहान सहायक ग्रेड तीन रहेंगे। जो उक्त विडियो की जाँच कर तीन दिवस मे रिपोर्ट प्रस्तुत करेगे।
———
B4 Times India बतादें, यहां आउटसोर्सिंग कम्पनी का दबदबा
मंदसौर सीविल हॉस्पीटल मे ठेका पद्वती के माध्यम से कामथेन नामक कम्पनी कार्यरत है। लम्बे समय से उक्त आउटसोर्सिंग कम्पनी का दबदबा बना हुआ है जबकी कई बार कम्पनी के खिलाफ शिकायते भी हुई लेकिन बड़े साहब से मिलकर सभी शिकायातो को रफादफा कर दिया जाता है। लेबर अधिकारो के अधिकारों के हनन के मामले मे प्राप्त शिकायत पर जिला लेबर अधिकारी तक नोटिस देकर कुछ नही कर पाए इससे साफ जाहिर होता है की सीविल हॉस्पीटल मे आउटसोर्सिंग कम्पनी का दबदबा यथावत है।