देश के जन-गण-मन में देशभक्ति का अपार उत्साह और उमंग का महासागर हिलोरें ले रहा है :- मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव का संदेश
प्रिय प्रदेशवासियों, भारतीय गणराज्य के 75वें गणतंत्र दिवस के मंगल अवसर पर आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आज ये अमृत काल का पुण्य प्रताप है कि स्वतंत्र भारत के अमृत महोत्सव के अभूतपूर्व आयोजन के बाद अब गणतंत्र भारत के अमृत महोत्सव का शुभागमन हुआ है। देश के जन-गण-मन में देशभक्ति का अपार उत्साह और उमंग का महासागर हिलोरें ले रहा है :- मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने #गणतंत्र_दिवस के पावन अवसर पर उज्जैन के दशहरा मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराकर परेड की सलामी ली और प्रदेशवासियों को #RepublicDay2024 की बधाई व शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव का प्रदेश की जनता को गणतंत्र दिवस पर बधाई शुभकामनाओं के साथ ही दिए बड़े तोहफे……इस अवसर पर उन्होन एक्स पर कहा कि…..
राज्य सरकार की पहल पर पहली बार गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल हुए जिला पुलिस बैण्ड की धुन पर बजते देशभक्ति के तराने, देश के लिए जीने और देश के लिए मरने की प्रेरणा दे रहे हैं। इस पावन अवसर पर मैं भारत माता की आज़ादी के लिए हँसते-हँसते सूली चढ़ने वाले अमर शहीदों के चरणों में विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
विश्व पटल पर भारत को सम्पूर्ण प्रभुत्व संपन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य के रूप में स्थापित करने में महती भूमिका निभाने वाले डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर एवं अन्य सभी संविधान निर्माताओं के प्रति हृदय से कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं।
यह एक अद्भुत संयोग है कि राष्ट्र-पर्व के ठीक पहले राष्ट्र-गर्व के एक महान प्रसंग ने अयोध्या में स्वर्णिम अध्याय रच दिया है। विश्व हृदय सम्राट हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी की गरिमामयी उपस्थिति में नव-निर्मित श्रीराम मंदिर में भगवान श्रीराम की भव्यातिभव्य प्राण प्रतिष्ठा से भारत में राम राज्य की संकल्पना जीवंत और जयवंत हो गई ।
रोम-रोम में बसने वाले श्रीराम के स्वागत में घर-घर में दीवाली मनाई गई और मंदिर-मंदिर दीप जलाए गए, भजन-कीर्तन किए गए। काल के केन्द्र भगवान महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन से 5 लाख लड्डू प्रसाद के रूप में मध्यप्रदेश की मिठास अयोध्या भेजी गई ।
सभी जिलों में प्रभात फेरियां, कलश यात्राएं निकाली गईं, विशेष स्वच्छता अभियान चलाए गए। मंदिरों, पवित्र नदियों और जलाशयों में दीपदान किए गए। सभी शासकीय भवनों को रोशनी से जग-मग किया गया।
मध्यप्रदेश की धरती से होकर श्रीराम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह में अयोध्या जाने वाले श्रद्धालुओं के जगह-जगह स्वागत-सत्कार में प्रदेशवासियों ने फूल और दिल दोनों बिछा दिए। प्रदेश के 28 पवित्र स्थानों पर श्रीरामचरित लीला समारोह आयोजित किए गए।
भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परम्परा के केंद्र श्रीराम प्रभु के चरणों में विनयांजलि के रूप में राज्य सरकार ने श्रीराम वन गमन पथ के सभी प्रमुख स्थलों का विकास करते हुए चित्रकूट को विश्व-स्तरीय धार्मिक एवं पर्यटन स्थल का स्वरूप प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसी प्रकार, ओरछा के श्रीराम राजा परिसर में सरकार श्रीराम राजा लोक के विकास का पुनीत कार्य कर रही है ।
मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना के माध्यम से प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों को हवाई मार्ग एवं रेल मार्ग से भगवान श्रीराम के पावन दर्शन हेतु अयोध्या की यात्रा कराई जाएगी।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की संकल्प-शक्ति से 140 करोड़ भारतवासियों की सदियों की प्रतीक्षा समाप्त हुई और एक नई आध्यात्मिक शक्ति का उदय हुआ है।
‘विकसित भारत-संकल्प यात्रा’ वर्ष-2047 तक भारत को विकसित देशों की श्रेणी में लाने की मोदी जी की गारण्टी का प्रतीक बनकर उभरी है। यह यात्रा मोदी जी के मन और प्रदेश के जन-जन के बीच जीवंत संवाद का माध्यम बनी है।
मोदी जी की गारण्टी वाली गाड़ी गाँव-गाँव, नगर-नगर पहुँची और उन वंचितों की जिन्दगी बदलने का माध्यम बनी, जो अब तक सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं ले पाए थे। मुझे यह कहते हुए खुशी है कि यात्रा के दौरान मध्यप्रदेश में 50 लाख से भी अधिक लोगों को लाभान्वित किया गया है।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर राज्य सरकार 161 बंदियों को जेल से रिहा करने जा रही है। आज का दिन इन सभी कैदियों और उनके परिवारजनों के जीवन में खुशियों और आशाओं से भरी एक नई जिन्दगी की सुबह लेकर आया है।
माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर दिनांक 10 से 15 जनवरी तक महिला सशक्तिकरण एवं युवा ऊर्जा पर केन्द्रित ‘मकर संक्रांति उत्सव’ मध्यप्रदेश में उल्लास और उमंग के साथ मनाया गया ।
‘मां तुझे प्रणाम’ योजना के अंतर्गत 150 युवतियों के दल को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, एकता नगरी, केवड़िया, गुजरात के भ्रमण पर भेजा गया। स्वामी विवेकानन्द की जन्म-जयंती के अवसर पर अर्जुन पुरस्कार विजेता और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया ।
युवाओं को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष शिविर लगाए गए। विद्यालयों में सूर्य नमस्कार, परंपरागत खेलों और सांस्कृतिक-साहित्यिक गतिविधियों का आयोजन किया गया ।
हर्ष और गर्व का विषय है कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 में देश के सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार पाकर इंदौर ने सातवां आसमान छू लिया है। साथ ही मध्यप्रदेश, देश का दूसरा स्वच्छतम राज्य और भोपाल स्वच्छतम राजधानी बना है ।
स्वच्छता सर्वेक्षण – 2023 में प्रदेश के 7 शहर वाटर प्लस, 361 शहर ओडीएफ डबल प्लस, एक शहर 7-स्टार, एक 5-स्टार, 24 शहर 3-स्टार और 132 शहर 1-स्टार गार्बेज फ्री श्रेणी में पुरस्कृत हुए हैं। इस उल्लेखनीय सफलता के लिए प्रदेश की जनता, जन-प्रतिनिधियों, स्वच्छता मित्रों और स्थानीय निकायों को हृदय से बधाई और शुभकामनाएं।
मुझे आप सबको यह बताते हुए प्रसन्नता है कि केवल स्वच्छता ही नहीं, बल्कि अन्य अनेक महत्वाकांक्षी योजनाओं और कार्यक्रमों जैसे- पीएम स्व-निधि योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, पीएम आवास योजना, कृषि अवसंरचना निधि, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, स्वामित्व योजना आदि के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश, देश के सबसे अग्रणी राज्यों में शामिल है ।
इन्दौर की हुकुमचंद मिल के 4 हजार 800 से अधिक मज़दूर भाई-बहनों की बरसों की तपस्या सफल हुई, जब सरकार ने उनके हक की 224 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्रदान करने का बड़ा निर्णय लिया ।
चाहे ध्वनि विस्तारक यंत्रों के नियमों और मापदण्डों के विपरीत उपयोग पर प्रतिबंध की बात हो या फिर बिना लायसेंस के खुले में माँस-मछली आदि के क्रय-विक्रय पर रोक लगाना या फिर खुले बोरवेलों को बंद कराने का अभियान चलाना हो – शपथ ग्रहण के तत्काल बाद लिये गये इन जनहितकारी निर्णयों से सरकार ने ये साफ संदेश दे दिया है कि प्रदेश में कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।
जन-सुविधा की दृष्टि से भोपाल स्थित बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने का निर्णय भी इस बात का प्रतीक है कि जब-जब जनता के हित की बात होगी, जब-जब जनता के कष्टों को दूर करने की बात होगी, तब-तब सरकार कड़े फैसले लेने में एक मिनट की भी देरी नहीं करेगी।
प्रदेश का विकास यदि भवन है तो सुशासन उसकी नींव का पत्थर। विकास और हितग्राहीमूलक योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के हर घर तक, हर परिवार तक, हर व्यक्ति तक पहुंचाना ही सच्चे अर्थों में सुशासन है ।
एक ओर लगातार हो रही विभागों की समीक्षा के माध्यम से हर लक्ष्य की प्राप्ति के लिए माइक्रो प्लानिंग की जा रही है, वहीं दूसरी ओर सभी संभागों के विकास और कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए स्थानीय चुनौतियों को समझकर मौके पर ही निर्णय लिए जा रहे हैं।
सरकार ने जन सामान्य की सुविधा को केंद्र में रखते हुए विभिन्न प्रशासनिक इकाइयों जैसे- जिला, तहसील, थाने आदि की सीमाओं के युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही प्रारंभ करने का निर्णय लिया है ।
विकास कार्यों एवं कानून व्यवस्था की नियमित मॉनिटरिंग के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को संभागों का प्रभार सौंपा गया है। आम आदमी के कार्यों से संबंधित नियमों को स्पष्ट, सरल और सुविधाजनक बनाया जा रहा है ।
15 जनवरी से 29 फरवरी 2024 तक राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण और राजस्व अभिलेखों की त्रुटियों को सुधारने के लिए राजस्व महाअभियान का आयोजन किया जा रहा है। सुशासन को केंद्र में रखकर उठाए गए ये सभी कदम विकसित मध्यप्रदेश के निर्माण में मील का पत्थर साबित होंगे ।
चमचमाती सड़कें वो आइना हैं, जहां से विकास का प्रतिबिम्ब साफ दिखाई देता है। प्रदेश में 29 हजार करोड़ रुपये से अधिक लागत की 78 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के माध्यम से 2 हजार 800 किलोमीटर से अधिक लम्बाई की सड़कें बन रही हैं ।
नर्मदा प्रगति पथ, विंध्य एक्सप्रेस-वे, मालवा-निमाड़ विकास पथ, अटल प्रगति पथ, बुन्देलखंड विकास पथ, मध्य भारत विकास पथ, रिंग रोड, बायपास, रोप-वे, फ्लाईओवर, रेल ओवर ब्रिज एवं एलिवेटेड कॉरिडोर आदि का मिशन मोड में निर्माण कर मध्यप्रदेश को सड़कों की दृष्टि से स्वर्णिम युग में पहुंचाया जायेगा ।
मध्यप्रदेश में बिजली घर-घर को रोशन और खेत-खेत को सिंचाई से समृद्ध कर रही है। प्रदेश के इतिहास की अब तक की सर्वाधिक 17 हजार 586 मेगावॉट बिजली की मांग की पूर्ति हमने बिना किसी कटौती के की है ।
सांची सोलर सिटी की स्थापना के बाद अब 5 प्रमुख पर्यटन शहरों को सोलर सिटी बनाने का लक्ष्य है। प्रदेश की रीवा सोलर पार्क परियोजना को माननीय प्रधानमंत्री जी की ‘अ बुक ऑफ इनोवेशन’ में स्थान मिला है। विश्व की सबसे बड़ी ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना की तर्ज पर 250 मेगावॉट की बिरसिंहपुर फ्लोटिंग सौर परियोजना लगभग 1 हजार 800 करोड़ रुपये के निवेश से क्रियान्वित करने का लक्ष्य है ।
माननीय प्रधानमंत्री जी के कर-कमलों से ग्रीन बॉण्ड की राशि से स्थापित होने जा रहे जलूद सोलर एनर्जी प्लांट का भूमिपूजन हुआ है, इससे एक ओर लगभग 3 करोड़ रुपए प्रतिमाह की बचत होगी, दूसरी ओर प्रतिवर्ष 90 हजार कार्बन क्रेडिट भी अर्जित होंगे।
राज्य सरकार न केवल नई सिंचाई क्षमता निर्मित कर रही है, बल्कि उपलब्ध सिंचाई क्षमता का भी भरपूर उपयोग सुनिश्चित कर रही है ।
मध्यप्रदेश के विकास पथ को हमारे किसान भाई-बहनों ने अपने खून-पसीने से सींचा है। उनके परिश्रम का ही परिणाम है कि मध्यप्रदेश आज देश में दालों के उत्पादन में पहले, खाद्यान्न उत्पादन में दूसरे और तिलहन उत्पादन में तीसरे स्थान पर है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड, सॉइल हेल्थ कार्ड, समर्थन मूल्य पर उपार्जन, प्राकृतिक खेती और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन, मंडियो में ई-अनुज्ञा प्रणाली आदि के माध्यम से किसानों की आमदनी में लगातार वृद्धि की जा रही है ।
यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के संकल्प के अनुरूप श्रीअन्न उत्पादन में एक नई क्रांति लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा 100 करोड़ रुपये से भी अधिक की नई “रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना” लागू कर दी गई है ।
ग्वालियर जिले में 13 करोड़ रुपये की लागत से मध्यप्रदेश की पहली हाईटेक फ्लोरीकल्चर नर्सरी स्थापित की जा रही है। प्रदेश में 1 हजार 800 से अधिक गौशालाओं के माध्यम से लगभग सवा 3 लाख निराश्रित गौवंश की देखभाल की जा रही है ।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन और डबल इंजन सरकार की जन-हितैषी नीतियों के क्रियान्वयन के फलस्वरूप विगत 9 वर्षों में प्रदेश के 2 करोड़ 30 लाख लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर आ गए हैं और इस मामले में हम देश के पहले 3 राज्यों में शामिल हैं ।
प्रदेश के 35 लाख से अधिक तेन्दूपत्ता श्रमिकों को लाभ देते हुए सरकार ने तेन्दूपत्ता संग्रहण दर 3 हजार रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा कर दी है। प्रदेश के 5 करोड़ 30 लाख गरीब हितग्राहियों को नि:शुल्क खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है ।
जल जीवन मिशन में अब तक लगभग 67 लाख घरेलू नल कनेक्शन लगाये जा चुके हैं और ग्रामीणों को घर पर ही नल का शुद्ध जल प्राप्त हो रहा है। आयुष्मान भारत योजना में लगभग 34 लाख गरीबों का नि:शुल्क उपचार किया जा चुका है ।
जनजातीय गौरव दिवस के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जन-मन) प्रारंभ कर विशेष पिछड़ी जनजातियों के समग्र विकास की क्रांतिकारी शुरुआत की गई है। इसके अंतर्गत प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजाति बाहुल्य जिलों के 11 लाख से अधिक भाई-बहन लाभान्वित होंगे ।
इस माह आहार अनुदान योजना में विशेष पिछड़ी जनजातियों की बहनों के खाते में 29 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अंतरित की गई है।
मध्यप्रदेश, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में प्रारंभ से ही अग्रणी रहा है। माननीय प्रधानमंत्री जी ने मध्यप्रदेश को 416 पीएमश्री विद्यालयों की सौगात दी है। प्रदेश में अब तक 369 सीएम राइज विद्यालयों का संचालन प्रारंभ हो चुका है।
प्रदेश के 100 से अधिक विद्यालयों में रोबोटिक्स एवं कोडिंग के प्रशिक्षण के लिए विशेष लैब स्थापित की जा रही हैं। विश्वविद्यालयों में छात्र-छात्राओं की अंकसूची एवं उपाधियों को डिजी लॉकर में अपलोड करने की व्यवस्था लागू कर दी गई है।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना के माध्यम से बढ़ई, कुम्हार, लोहार, राजमिस्त्री, सुनार, मूर्तिकार आदि कारीगरों को प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी और प्रोत्साहन का लाभ प्राप्त होने लगा है। प्रदेश में 28 नये आईटीआई खोले गये हैं, जिनमें 6 हजार 700 से अधिक युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण मिल सकेगा।
प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों और संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल्स पार्क में देश की शीर्ष विशेषज्ञ संस्थाओं के सहयोग से साइबर एंड नेटवर्क सिक्योरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ब्लॉक चेन, वर्चुअल रियलिटी, गेमिंग एंड एनीमेशन टेक्नोलॉजी जैसे रोजगारोन्मुखी कौशल प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रारंभ किये गये हैं।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर लोक सेवा आयोग के माध्यम से चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये गये हैं। कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से लगभग 28 हजार पदों के लिए आयोजित भर्ती परीक्षाओं के परिणाम भी शीघ्र घोषित कर, चयनितों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये जाएंगे।
वर्ष 2024-25 में रोजगार मेलों के माध्यम से 90 हजार ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने का लक्ष्य है। महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर फोकस करते हुए अगले वित्तीय वर्ष में महिला स्व-सहायता समूहों को 3 हजार 700 करोड़ रुपये से अधिक का बैंक लिंकेज तथा लाड़ली शक्ति क्रेडिट कार्ड के माध्यम से व्यवसाय हेतु न्यूनतम ब्याज दर पर 1 लाख रुपये तक की बैंक क्रेडिट सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य है ।
हमारी सरकार दो उद्देश्यों को साथ लेकर काम कर रही है – पहला, स्थानीय लोगों को सरकार के प्रोत्साहन और सहयोग से उद्योग-धंधे लगाने में मदद करना और दूसरा, देश-विदेश से बड़े उद्योगों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिये आमंत्रित करना ।
प्रदेश में 102 औद्योगिक क्षेत्रों तथा 35 एमएसएमई क्लस्टरों को विकसित किया जा रहा है। इसी प्रकार स्टार्टअप की संख्या भी बढ़कर 3 हजार 700 से अधिक और इंक्यूबेटरों की संख्या बढ़कर 68 हो चुकी है ।
हाल ही में उज्जैन के बटिक शिल्प, जबलपुर के पत्थर शिल्प, बालाघाट की वारासिवनी साड़ी, ग्वालियर के कारपेट और डिण्डोरी के रॉट आयरन को जीआई टैग प्राप्त होने की बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है ।
भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश में मेडिकल डिवाइसेस पार्क, ऊर्जा उपकरण निर्माण पार्क, पीएम मित्र पार्क, मेगा फुटवेयर क्लस्टर का निर्माण हो रहा है। पीथमपुर में 1100 करोड़ रुपये की लागत से राज्य का पहला मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क विकसित किया जा रहा है ।
विभिन्न क्षेत्रों में हमारा निर्यात 65 हजार करोड़ रुपये को पार कर गया है, जो एक रिकॉर्ड है। औद्योगिक विकास को गति देने के लिए उज्जैन, शहडोल और सागर संभाग में नये क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किए जा रहे हैं ।
सरकार ने उज्जैन में आगामी महाशिवरात्रि पर्व से गुड़ी पड़वा पर्व तक विक्रमोत्सव-2024 एवं विशाल व्यापार मेले के आयोजन का निर्णय लिया है। यह संस्कृति, विरासत और अर्थव्यवस्था का एक अनूठा उत्सव होगा, जिसमें लगभग 50 लाख लोगों के शामिल होने और 2 हजार करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक गतिविधियाँ होने का अनुमान है।
माननीय प्रधानमंत्री जी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश में ऐसा पहली बार हुआ है कि विकास को मनुष्य के स्वास्थ्य से जोड़ा गया है। हम विकसित मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए स्वस्थ मध्यप्रदेश की संकल्पना साकार कर रहे हैं। राज्य की जनता को अपने घर के पास ही स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं ।
हमने स्वास्थ्य केन्द्रों में मिलने वाली दवाओं की संख्या लगभग दोगुनी कर दी है। स्वास्थ्य सुविधाओं के समग्र कायाकल्प से आज मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पतालों में औसतन 2 लाख प्रतिदिन की ओपीडी हो रही है। प्रतिदिन 60 हजार से अधिक मरीजों की नि:शुल्क जांचें की जा रही हैं।
भारत सरकार के सहयोग से उज्जैन में श्री महाकाल महालोक परिसर में निर्मित देश की पहली हेल्दी एंड हाइजीनिक फूड स्ट्रीट ‘प्रसादम’ का हाल ही में शुभारंभ किया गया है। यह स्ट्रीट देश में एक अनूठा मॉडल है, जहां 17 संस्थान अलग-अलग प्रकार के पोषण से भरपूर और स्वच्छ खान-पान उपलब्ध करा रहे हैं ।
संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए धार जिले में 100 बिस्तरीय कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सालय के निर्माण की योजना है।
प्रधानमंत्री जी के विजनरी नेतृत्व में भारतीय संस्कृति से लेकर भारतीय ज्ञान-विज्ञान तक सब कुछ हिमालय सी नई ऊंचाइयों को छू रहा है। एक ओर हम आकाश में चन्द्रमा से लेकर सूर्य तक स्पर्श कर अंतरिक्ष जगत की वैश्विक ताकत के रूप में उभरे हैं, वहीं दूसरी ओर धरती पर भारतीय सनातन संस्कृति और सभ्यता का विराट वैभव पूरी दुनिया को आलोकित कर रहा है।
सांस्कृतिक और आध्यात्मिक उत्कर्ष राज्य सरकार की प्राथमिकता है। शासकीय कैलेंडर में विक्रम संवत् को अंकित करने की शुरुआत सम्राट विक्रमादित्य की न्यायप्रियता, शौर्य और दानशीलता जैसे जीवन मूल्यों के प्रति सरकार की आदरांजलि है।
हमने निर्णय लिया है कि प्रदेश में जहां-जहां भगवान श्रीकृष्ण के चरण पड़े हैं, उन सभी स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जायेगा।
ग्वालियर गौरव दिवस के अवसर पर विराट व्यक्तित्व के धनी पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की स्मृति में 20 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले अटल स्मारक का भूमिपूजन सुशासन के पुरोधा को राज्य की ओर से दी गई सच्ची श्रद्धांजलि है।
संगीत सम्राट तानसेन की नगरी ग्वालियर में अपराजेय भारतीयता के विश्व गान ‘वंदे-मातरम्’ की धुन पर ‘ताल दरबार’ ने मध्यप्रदेश के संगीत को वैश्विक पहचान दिलाई।
राज्य सरकार ने उज्जैन में आयोजित होने वाले सिंहस्थ-2028 की तैयारियां भी जोरशोर से प्रारंभ कर दी हैं। एकात्म धाम से लेकर ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग और महेश्वर तीर्थ क्षेत्र के समग्र विकास का भी समावेश इस योजना में होगा।
यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कड़ी चुनौतियों को बड़े अवसरों में बदलने के इस आह्वान के साथ गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के कल्याण को सर्वोपरि बनाने का काम किया है। हमारी सरकार भी प्रधानमंत्री जी द्वारा बताए गए मार्ग पर चलते हुए गरीबों के कल्याण, किसानों के सम्मान, युवाओं के उत्थान और महिलाओं के स्वाभिमान में दिन-दूनी, रात-चौगुनी अभिवृद्धि के लिए संकल्पित है ।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देव से देश और राम से राष्ट्र तक चेतना के विस्तार का आह्वान किया है। हमने इस मंत्र का अक्षरश: पालन करते हुए ‘राजकाज’ को ऐसा ‘रामकाज’ माना है, जिसमें प्रदेश की जनता का हित ही सर्वोपरि है ।
संकल्प पत्र-2023, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व पर प्रदेश की जनता की अटूट आस्था का प्रतिबिंब है और मोदी जी की गारंटियों का प्रतीक भी। संकल्प पत्र के प्रत्येक संकल्प को समय सीमा में साकार करना ही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है ।
और यह क्या तुम सुनते नहीं, विधाता का मंगल वरदान। शक्तिशाली हो, विजयी बनो, विश्व में गूंज रहा जय गान।। हम न केवल अमृतकाल में भारत को विश्व का नम्बर-1 विकसित देश बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे, बल्कि मध्यप्रदेश को भी देश का नम्बर-1 विकसित राज्य बनाकर रहेंगे ।माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने समर्थ, सक्षम, भव्य और दिव्य भारत के निर्माण का जो सपना देखा है, मध्यप्रदेश की सरकार और जनता मिलकर उसे स
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