भोपाल। मध्यप्रदेश, शिवपुरी मे 12 साल पहले 2011 में फर्जी दस्तावेज लगाकर केसीसी बनवाने वाले 3 आरोपियों को तीन-तीन साल और तत्कालीन बैंक प्रबंधक के खिलाफ भी 3 साल की सजा सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश एके गुप्ता की अदालत ने सुनाई।
एडवोकेट मनोज रघुवंशी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आरोपी बृजलाल जाटव निवासी सिरसौद, नरेश धाकड़ निवासी रामगढ़, अजीत दीक्षित निवासी टोरिया, रमेश चंद केन निवासी ग्वालियर और धंतीबाई निवासी रामगढ़ ने सन 2011 में वैजयंती माला नाम की महिला के फर्जी दस्तावेज लगा ₹3 लाख की केसीसी बनवाई। इसमें 2,95000 आहरित भी कर लिए। इस मामले में वैजयंती माला के बेटे अविनाश ने 16 अगस्त 2011 को मामले की पड़ताल की, लेकिन इलाहाबाद बैंक के प्रबंधक रहे रमेश चंद केन का उन्हें सहयोग नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने पूरे मामले की शिकायत इलाहाबाद प्रबंधन भोपाल और पुलिस अधिकारियों से की जिस पर जांच उपरांत फर्जी दस्तावेजों के आधार पर केसीसी बनवाने का साबित हुआ और इस मामले में न्यायालय ने आरोपी अजीत दीक्षित निवासी टोरिया के खिलाफ सबूत न मिलने पर उन्हें बरी कर दिया। जबकि बलराम जाटव, नरेश धाकड़ और धंती बाई को आरोपी मानते हुए तीन-तीन साल की सश्रम सजा सुनाई गई और इसके साथ 5-5 हजार का अर्थ दंड भी लगाया। जबकि बैंक के प्रबंधक रहे रमेश चंद केन को उसाल की सश्रम सजा सुनाई गई और उन पर भी अर्थ दंड लगाया गया।