लोकायुक्त ने इंदौर में शिक्षा विभाग के विकासखंड स्त्रोत समन्वयक प्राइवेट स्कूल संचालक से रिश्वत में रूपयें 13000 लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार
भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस की विशेष स्थापना लोकायुक्त की टीम द्वारा इंदौर में एक छापामार कार्रवाई के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग के बीआरसी – विकासखंड स्त्रोत समन्वयक को, प्राइवेट स्कूल संचालक से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी ने स्कूल के फिजिकल वेरीफिकेशन के बदले में रिश्वत मांगी थी। रिश्वत नहीं देने पर नेगेटिव रिपोर्ट बनाने की धमकी दी थी।
लोकायुक्त ऑफिस इंदौर की ओर से प्राप्त सूचना में बताया गया है कि, आशुतोष सैनी, संचालक रामकृष्ण परमहंस विद्यालय, तिलक नगर, इंदौर द्वारा अपनी शिकायत में बताया गया कि, स्कूल की मान्यता में 3 वर्ष की वृद्धि करने हेतु स्कूल शिक्षा विभाग में आवेदन दिया था। माता प्रसाद गौड, विकास खंड श्रोत समन्वयक, इंदौर अर्बन -2, निवासी अरिहंत नगर इंदौर द्वारा भौतिक सत्यापन किया जाना था। हम नियम के अनुसार अपने स्कूल का भौतिक सत्यापन करवाने के लिए तैयार थे परंतु बीआरसी गौड़ द्वारा रूपये 20000 रिश्वत की मांग की गई। नहीं देने पर सत्यापन रिपोर्ट नेगेटिव कर देने की धमकी दी गई। स्थिति को संभालने के लिए तत्काल रूपये 5000 दिए, और शिकायत करने के लिए लोकायुक्त ऑफिस उपस्थित हुआ। पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त द्वारा शिकायत का सत्यापन करवाया गया। ऑडियो एविडेंस भी कलेक्ट हो गया। इसके बाद एसपी लोकायुक्त ने ट्रैप दल का गठन किया। 25 मार्च 2025 को, शिकायत करने वाले प्राइवेट स्कूल संचालक को केमिकल युक्त रूपये 13000 के नोट देकर, रिश्वत देने के लिए भेजा गया। जैसे ही बीआरसी -माता प्रसाद गौड़ द्वारा रिश्वत की रकम अपने हाथ में ली गई। मौके पर सिविल ड्रेस में मौजूद लगाई पुलिस की टीम ने उन्हें पकड़ लिया। केमिकल टेस्ट पॉजिटिव पाए जाने के बाद माता प्रसाद गौड, विकास खंड श्रोत समन्वयक, इंदौर अर्बन -2 के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा-7 के तहत मामला दर्ज करके विधिवत गिरफ्तार कर लिया गया।